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उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड को भवन खाली करने का नोटिस, जानिए वजह

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड फिर से सुर्खियों में है। अब बात सामने आई है कि बोर्ड ने पिछले पांच माह से भवन स्वामी को किराये का भुगतान नहीं किया है। यह राशि करीब तीन लाख रुपये है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 12:56 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 12:56 PM (IST)
उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड को भवन खाली करने का नोटिस, जानिए वजह
उत्तराखंड कर्मकार कल्याण बोर्ड को भवन खाली करने का नोटिस, जानिए वजह।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड फिर से सुर्खियों में है। अब बात सामने आई है कि बोर्ड ने पिछले पांच माह से भवन स्वामी को किराये का भुगतान नहीं किया है। यह राशि करीब तीन लाख रुपये है। इसके अलावा इसी भवन में स्थित ईएसआइ अस्पताल पर भी किराये का साढ़े सात लाख रुपये का बकाया चल रहा है। अस्पताल ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किया है। इन सबको देखते हुए भवन स्वामी कांग्रेस नेता एवं रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा ने बोर्ड को भवन खाली करने का नोटिस थमा दिया है। उधर, इस संबंध में काफी प्रयासों के बावजूद बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल से दूरभाष पर संपर्क नहीं हो पाया।

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कर्मकार कल्याण बोर्ड पिछले साल अक्टूबर में तब सुर्खियों में आया, जब अचानक इसके अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को हटा दिया गया था। साथ ही शासन ने बोर्ड के अध्यक्ष पद पर शमशेर सिंह सत्याल को नियुक्त कर दिया था। इसके बाद बोर्ड का नए सिरे से गठन किया गया। नवंबर में हुई नवगठित बोर्ड की पहली ही बैठक में पिछले बोर्ड के फैसलों को पलट दिया गया था। तब ये बात सामने आई थी कि बोर्ड के कामकाज में नियमों की अनदेखी के साथ ही वित्तीय अनियमितता हुई है। 

इसे देखते हुए बोर्ड ने 2017 से अब तक के कामकाज का स्पेशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया, मगर इसी बीच कैग ने बोर्ड का ऑडिट शुरू कर दिया। इसके कुछ समय बाद बोर्ड द्वारा कोटद्वार में ईएसआइ के अस्पताल के लिए 20 करोड़ की राशि दिए जाने का मामला उछला। यह राशि ब्रिज एंड रूफ कंपनी को दी गई थी। कंपनी इसमें से 18 करोड़ की राशि बोर्ड को लौटा चुकी है। बोर्ड ने शेष दो करोड़ की राशि भी उसे तत्काल लौटाने को कहा है। यही नहीं, शासन ने प्रकरण की जांच को अन्वेषण समिति भी गठित की है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। 

इस प्रकरण की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई थी अब इसमें एक और मोड़ आया है। असल में कर्मकार कल्याण बोर्ड के अलावा ईएसआइ अस्पताल देहरादून के नेहरू कॉलोनी स्थित कांग्रेस नेता लक्ष्मी राणा के भवन में किराये पर चल रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने बताया कि कर्मकार कल्याण बोर्ड व ईएसआइ अस्पताल से उन्हें टीडीएस काटकर करीब एक लाख लाख रुपये प्रतिमाह किराया मिलता है। पूर्व में डीएम ने इसका निर्धारण किया था। उन्होंने बताया कि बोर्ड व ईएसआइ अस्पताल ने लंबे समय से उन्हें न तो किराये का भुगतान किया है और न बिजली का बिल ही अदा किया। 

इसके उलट भाजपा की ओर से किराये की राशि को लेकर गलतबयानी की जा रही है। राणा के मुताबिक उन्होंने बोर्ड को किराया और बिजली का बिल तत्काल अदा करने के साथ ही भवन खाली करने का नोटिस दे दिया है।दूसरी तरफ श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार भवन स्वामी लक्ष्मी राणा ने बोर्ड को भेजे गए नोटिस की प्रति उन्हें भी भेजी है। भवन स्वामी का कहना है कि एक तो पहले ही किराया कम है और वह भी समय पर नहीं मिल पा रहा है।

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