राजधानी में कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद अंतिम संस्कार में बरती जा रही लापरवाही, बढ़ा खतरा
Coronavirus in Uttarakhand राजधानी दून में ऐसी लापरवाही बरती जा रही है जिससे कोरोना के फैलने का खतरा और बढ़ता जा रहा है। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के दौरान सतर्कता नहीं बरती जा रही।
देहरादून, जेएनएन। Coronavirus in Uttarakhand एक ओर कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जतन किए जा रहे हैं। वहीं राजधानी दून में ऐसी लापरवाही बरती जा रही है, जिससे कोरोना के फैलने का खतरा और बढ़ता जा रहा है। यहां संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार करते समय सतर्कता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार शव को प्लास्टिक बैग में पैक किया जाना चाहिए, लेकिन जिला अस्पताल (कोरोनेशन अस्पताल) में ही नियम दरकिनार हो गए। उस पर सिस्टम की बेरुखी देखिए कि शव के अंतिम संस्कार में भी डेढ़ दिन का वक्त लगा दिया गया। सर्राफा मंडल के अध्यक्ष सुनील मैसोन ने बताया कि मूल रूप से बंगाल का रहने वाला युवक घोसी गली में एक सर्राफ के यहां काम करता था।
तबीयत खराब होने पर शनिवार सुबह उसे कोरोनेशन अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई और कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उनका आरोप है कि शव को बिना बैग में पैक किए ही मोर्चरी में रख दिया गया। उस पर अंतिम संस्कार के लिए वह लोग पूरा दिन दौड़ते रहे। बताया गया कि शव दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा जाएगा और वहीं से आगे की कार्रवाई होगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रविवार को दोपहर के वक्त शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया, वह भी बिना बैग में पैक किए हुए। स्वजनों के न आ पाने की वजह से सर्राफा मंडल की स्वर्णशिल्पी समिति ने अंतिम संस्कार कराया। उधर, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भागीरथी जंगपांगी का कहना है कि शव तत्काल डीप फ्रीजर में रखवा दिया गया था। शव को गाइडलाइन के मुताबिक पैक क्यों नहीं किया गया, इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति से जवाब तलब किया जाएगा।