दर्जा मिला, दंश अभी भी झेल रहे नगरीय क्षेत्र सेलाकुई के लोग
विकासनगर सेंट्रल होप टाऊन सेलाकुई ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद भी सुविधाओं का घोर अभाव है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: सेंट्रल होप टाऊन सेलाकुई ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद तीन माह से अधिक समय बीत गया, लेकिन नगरीय क्षेत्र की सुविधाओं का घोर अभाव है। बजट के नाम पर नगर पंचायत के खाते में लगभग डेढ़ करोड़ रुपया डंप पड़ा है। खाता सीज होने के कारण लेन-देन बंद है। उधर, 30 हजार से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र के नौ वार्ड में साफ-सफाई तक के लिए पर्याप्त संसाधन पंचायत प्रशासन के पास मौजूद नहीं हैं। सही मायने में देखा जाए तो नगर पंचायत सेलाकुई को केवल दर्जा मिला है, पूर्व से व्याप्त सुविधाओं के अभाव का दंश अभी भी यहां के निवासी झेल रहे हैं।
सेलाकुई को नगर पंचायत बनाने का सरकार ने तीन माह पहले नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। इसके बाद से नगर पंचायत के संचालन के लिए अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति भी सरकार की ओर से कर दी गई। जहां तक बात नागरिकों की सुविधाओं की है तो इस मामले में अभी तक नगर पंचायत प्रशासन या सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बताते चलें कि नौ वार्ड में बंटे सेलाकुई नगर पंचायत में 2011 की जनगणना के मुताबिक 16800 लोग निवास कर रहे थे, जिनका आंकड़ा 2021 में लगभग 30 हजार तक पहुंच गया है। इसके अलावा सेलाकुई में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक और कर्मचारी, अधिकारी हजारों की संख्या में नगर पंचायत क्षेत्र में ही निवास करते हैं। इस हिसाब से यदि देखा जाए तो जनसंख्या का यह आकंड़ा काफी बड़ा है। सेलाकुई नगर पंचायत के पास अभी 17 सफाई कर्मचारी आउटसोर्स पर लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त कूड़ा उठाने के लिए नगर पंचायत के दो मिनी लोडर और एक किराये पर लिया गया ट्रैक्टर ही उपलब्ध है। इसी तरह बात यदि पथ प्रकाश की हो तो हाल ही में नगर पंचायत ने एक औद्योगिक इकाई के सहयोग से मात्र आठ स्ट्रीट लाइट नगर के मुख्य चौराहों पर लगवाई है। बाकी सड़क निर्माण या अन्य सुविधाओं के नाम पर अभी तक नगर पंचायत के स्तर से किसी भी प्रकार का कार्य शुरू नहीं हुआ है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि ग्राम पंचायत और नगर पंचायत के स्टेट्स को लेकर दो साल चली न्यायिक प्रक्रिया के मद्देनजर नगर पंचायत का सरकारी खाता फ्रीज कर दिया गया था। इसमें नगर विकास के लिए मिली लगभग डेढ़ करोड़ रुपये मौजूद है। खाता फ्रीज होने कारण न तो पहले से मौजूद इस धनराशि का प्रयोग किया जा रहा है और न ही फिलहाल सरकार से किसी प्रकार के बजट की उम्मीद है। ऐसे में नागरिक सुविधाओं के मामले में नगर पंचायत कब अपना कार्य शुरू करेगी यह सवाल अभी भी अपनी जगह मजबूती के साथ खड़ा हुआ है।
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नगर पंचायत व ग्राम पंचायत के बीच के झगड़े में दो साल से क्षेत्र में विकास का कोई भी कार्य नहीं हुआ है। इसके चलते नागरिकों को कठिन समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्णय लेना चाहिए। सही मायने में देखा जाए तो नगर पंचायत अभी एक सफेद हाथी के रूप में सेलाकुई के निवासियों के सामने खड़ी है।
सुमित चौधरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सेलाकुई।
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नगर पंचायत को तीन माह पहले ही नगर की व्यवस्थाओं को देखने की अनुमति मिली है। धीरे-धीरे सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। क्षेत्रीय विधायक और सरकार के स्तर से पंचायत को बजट आवंटन के लिए प्रयास किया जा रहा है। आशा है शीघ्र ही सभी इंतजाम पूरे कर लिए जाएंगे।
विजयपाल बर्तवाल, पूर्व ग्राम प्रधान सेलाकुई।
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सफाई कर्मियों के माध्यम से नगर के सभी वार्ड में नालों और नालियों की सफाई का कार्य निरंतर कराया जा रहा है। इसके साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए भी कार्य शुरू कर दिया गया है। नगर पंचायत के फ्रीज खाते को खुलवाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। इसके अतिरिक्त पथ प्रकाश की सुविधा के लिए ऊर्जा निगम से नगर क्षेत्र में एक अतिरिक्त विद्युत लाइन लगाने के लिए एस्टीमेट मांगा गया है। अन्य तमाम कार्यों के लिए भी आवश्यक पत्राचार किया जा रहा है।
विनोद लाल शाह, अधिशासी अधिकारी सेलाकुई नगर पंचायत