राज्य महिला आयोग के पास शिकायतों का दवाब होगा कम, नवनियुक्त तीन उपाध्यक्ष को मिलेगी जिलों की जिम्मेदारी
राज्य महिला आयोग के पास अब शिकायतों का दवाब कम होगा। 28 नवंबर को होने वाली आयोग की बैठक के बाद नवनियुक्त तीन उपाध्यक्ष को विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें उनके क्षेत्र में आने वाली शिकायतों को जिलास्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। राज्य महिला आयोग के पास अब शिकायतों का दवाब कम होगा। 28 नवंबर को होने वाली आयोग की बैठक के बाद नवनियुक्त तीन उपाध्यक्ष को विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें उनके क्षेत्र में आने वाली शिकायतों को जिलास्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा।
नंदा की चौकी स्थित राज्य महिला आयोग के कार्यालय में हर माह तकरीबन 150 शिकायतें आती हैं। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले व्यक्तियों की सुनवाई के लिए उन्हें कई बार दून ही रुकना पड़ता है। लेकिन अब नवनियुक्त तीनों उपाध्यक्ष को जिलों की जिम्मेदारी मिलने के बाद यह समस्या भी दूर होगी और सुनवाई के लिए दून आने वालों का समय भी बचेगा। आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि 28 नवंबर को होने वाली बैठक के बाद जिन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, उनकी शिकायत वहीं निस्तारित होगी। किसी कारणवश निस्तारित न होने के कारण उपाध्यक्ष संबंधित शिकायत को दून ट्रांसफर कर सकते हैं। जिला स्तर पर होने वाली शिकायतों के निस्तारण से आयोग के दून कार्यालय में कम शिकायतें आएंगी। इसके अलावा बैठक में महिलाओं को जागरूक कराने पर चर्चा होगी।
गौरतलब है कि आयोग में उपाध्यक्ष के तीन पद लंबे समय से खाली चल रहे थे। 19 अक्टूबर को सरकार की ओर से महिला आयोग में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की सौगात के बाद 26 अक्टूबर को पुष्पा पासवान ने पद संभाला। तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली काशीपुर की शायरा बानो ने बीते दो नवंबर को आयोग में उपाध्यक्ष का पद संभाला। जबकि तीन नवंबर को रानीखेत की ज्योति शाह पदभार ग्रहण किया।
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