उत्तराखंड में नए परिवहन ढांचे को शासनादेश का इंतजार, पढ़िए पूरी खबर
सुरक्षा के कार्यों में सुधार लाने को भले ही परिवहन विभाग के ढांचे को सरकार ने मंजूरी दे दी हो लेकिन अभी तक इसका कोई शासनादेश नहीं हो पाया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सड़क सुरक्षा के कार्यों में सुधार लाने को भले ही परिवहन विभाग के ढांचे को सरकार ने मंजूरी दे दी हो लेकिन अभी तक इसका कोई शासनादेश नहीं हो पाया है। इस कारण परिवहन विभाग नए ढांचे के संबंध में कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही वाहनों की संख्या यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। इससे सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ा है। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने वाहन दुर्घटनाओं की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए प्रवर्तन दलों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके क्रम में परिवहन मुख्यालय ने विभागीय ढांचा बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस पर कैबिनेट ने आंशिक बदलाव के साथ मुहर लगा दी।
नए ढांचे में आरटीओ के नौ पद रखे गए। इससे पहले आरटीओ के विभाग में केवल पांच पद सृजित थे। आरटीओ के पदों का सृजन इस कारण किया गया ताकि हर संभाग में दो-दो आरटीओ को बिठाया जा सके। इसका मकसद प्रशासनिक व प्रवर्तन कार्यों में गति लाना बताया गया। इनका नाम भी आरटीओ प्रशासन और आरटीओ प्रवर्तन रखा गया। इसके अलावा विभाग के प्रशासनिक ढांचे में 116 नए पदों का सृजन किया गया। नए ढांचे में इनकी संख्या 521 से बढ़ाकर 637 की गई। ढांचे में इसके अलावा एआरटीओ के चार पद, विधि अधिकारी का एक पद, कंप्यूटर प्रोग्रामर के 22 पद, वरिष्ठ परिर्वतन पर्यवेक्षक के 31 पद, प्रवर्तन चालक के चार पद और प्रवर्तन पर्यवेक्षक के 50 पद स्वीकृत किए गए हैं।
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परिवहन कर अधिकारी लेवल दो के 12 पद समर्पित भी किए गए। नए स्वीकृत पदों में कंप्यूटर प्रोग्रामर के सभी 22 पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे, वहीं वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक के 31 नए पद पहली बार सृजित किए गए हैं। ये पद प्रवर्तन पर्यवेक्षकों की पदोन्नति के जरिये भरे जाने हैं। कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद तीन माह से इसका शासनादेश नहीं हो पाया है। इस पर परिवहन मुख्यालय ने अब शासन को पद वापस लाने के लिए रिमाइंडर भेजा है।
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