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नए रोपवे स्थानीय निवासियों की आर्थिकी को मजबूत करने में निभाएंगे अहम भूमिका

उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रदेश के अन्य रोपवे के निर्माण में भी अब गति लाई जाएगी। नए रोपवे न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे बल्कि स्थानीय निवासियों की आर्थिकी को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएंगे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 04:33 PM (IST)
निश्चित तौर पर यह रोपवे श्रद्धालुओं के लिए रोमांच और राहत भरा रहेगा। फाइल फोटो

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के बहुप्रतीक्षित रोपवे में से एक, केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए कदम उठने शुरू हो गए हैं। निश्चित तौर पर यह परियोजना केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी लाभदायक साबित होगी। बशर्ते इस दिशा में अब गंभीरता से काम हो और इसे समयबद्ध रूप से धरातल पर उतारा जाए। प्रदेश में इस समय रोपवे निर्माण की कई परियोजनाएं चल रही हैं।

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राज्य में देहरादून (पुरकुल गांव) से मसूरी (लाइब्रेरी चौक), कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर, ठुलीगाड़ से पूर्णागिरि, जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री, रानी बाग से नैनीताल, गोविंदघाट से हेमकुंड, झलपाडी से दीवाडांडा, कीर्तिखाल से भैरव गढ़ी और क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर तक रोपवे बनाए जाने हैं। वर्तमान में प्रदेश में हरिद्वार में चंडी देवी रोपवे, मां मनसा देवी रोपवे, मल्लीताल नैनीताल रोपवे, देहरादून में सहस्नधारा रोपवे, जोशीमठ में औली रोपवे, टिहरी में कैंपटी फाल, मसूरी रोपवे और भट्टा गांव मसूरी समेत कुल आठ रोपवे संचालित हो रहे हैं।

प्रदेश में नए रोपवे बनाने के पीछे सरकार की मंशा सफर का रोमांच बढ़ाने के साथ ही पर्यटन व धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान बनाना भी है। नए रोपवे बनाने में सबसे बड़ा अड़ंगा वन भूमि हस्तांतरण और पर्यावरणीय अनुमति हासिल करने का है। इसे लेकर प्रदेश सरकार लगातार केंद्र में दस्तक दे रही है। सभी रोपवे पीपीपी मोड पर बनाए जा रहे हैं। इनकी लागत को देखते हुए रोपवे निर्माण के लिए कंपनियां जल्द आगे नहीं आ रही हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई है। तकरीबन 750 करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना के तहत 12 किमी लंबा रोपवे बनाया जाना है।

केदारनाथ मार्ग की पैदल दूरी तकरीबन 16 किमी है। निश्चित तौर पर यह रोपवे श्रद्धालुओं के लिए रोमांच और राहत भरा रहेगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रदेश के अन्य रोपवे के निर्माण में भी अब गति लाई जाएगी। इन रोपवे का निर्माण न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर छोटे बाजार भी विकसित होंगे, जो स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के दरवाजे खोलने में सहायक साबित होंगे। सरकार को चाहिए कि वह इन रोपवे को लेकर संजीदगी दिखाते हुए तेजी से काम करे। साथ ही जिन रोपवे को मंजूरी मिल चुकी है, उनके निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए ताकि पर्यटक व श्रद्धालु इनका लाभ ले सकें।


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