दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से उत्तराखंड की उम्मीदों को नई उड़ान, पढ़िए पूरी खबर
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के रूप में आर्थिक गलियारे की सौगात उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों के लिए उपयोगी रहने वाली है। विकास की राजनीति के एक्सप्रेसवे को मूर्त रूप दे रहे मोदी ने विपक्ष के सामने नई चुनौती पेश कर दी।
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के रूप में 10,582 करोड़ के आर्थिक गलियारे की सौगात उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश समेत अन्य नजदीकी राज्यों के लिए भी उपयोगी रहने वाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल पहले चार धाम रोड नेटवर्क को बेहतर बनाने के अपने संकल्प को अगले पांच सालों के लिए उम्मीदों के नए एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया है। विकास की राजनीति के एक्सप्रेसवे को मूर्त रूप दे रहे मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर भी विपक्ष के सामने नई चुनौती पेश कर दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास किया तो सात परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी। दिल्ली से देहरादून तक 175 किमी और हरिद्वार तक 51 किमी के इस एक्सप्रेसवे पर क्रमश: 8500 करोड़ रुपये और 2082 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे राष्ट्रीय राजधानी से देहरादून व हरिद्वार की दूरी घटने के साथ ही आवाजाही सुगम होगी। दिल्ली से देहरादून तक यात्रा का समय आठ घंटे से घटकर सिर्फ 2.50 घंटे रह जाएगा।
एशिया का सबसे बड़ा वन्यजीव एलिवेटेड कारीडोर
एक्सप्रेसवे में वन्यजीवों के आवागमन और जीवन सुरक्षा की राह में बाधा दूर करते हुए 12 किमी का वन्यजीव एलिवेटेड कारीडोर बनाया जाएगा। यह वन्यजीवों के लिए एशिया का सबसे बड़ा कारीडोर होगा। इसमें 500 मीटर के अंतराल पर 750 से अधिक वर्षा जल संचयन व वाटर रिचार्ज प्वाइंट होंगे। हरिद्वार तक कनेक्टिविटी आसान होने से पर्यटन और रोजगार में वृद्धि होगी। हरिद्वार तक 51 किमी के दौरान छह इंटरचेंज, चार फलाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर और दो आरओबी भी बनाए जाएंगे।
रोड कनेक्टिविटी से विकास की राह
पांवटा साहिब से बल्लूपुर चौक तक 50 किमी तक राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण 1602 करोड़ की लागत से किया जाएगा। इस योजना का शिलान्यास किया गया। अंतरराज्यीय पर्यटन को बढ़ावा देने वाली इस परियोजना में तीन प्रमुख व 43 छोटे पुल, एक फ्लाईओवर व 15 अंडरपास प्रस्तावित किए गए हैं। हरिद्वार में मनोहरपुर से कांगड़ी चार लेन में 15 किमी ङ्क्षरग रोड का निर्माण किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 1602 करोड़ है। हरिद्वार में 538 करोड़ रुपये लागत से मेडिकल कालेज बनाया जाएगा। मेडिकल कालेज निर्माण को कार्यदायी संस्था को 68 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है।
बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में सुविधाओं का विकास
प्रधानमंत्री ने 220 करोड़ लागत से श्री बदरीनाथ में विकास कार्यों, 54 करोड़ की लागत से श्री गंगोत्री-यमुनोत्री में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। नजीबाबाद से कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग में 15 किमी तक सड़क चौड़ीकरण किया जाएगा। इससे कोटद्वार व नजीबाबाद के बीच कनेक्टिविटी आसान होगी। लक्ष्मणझूला सेतु के समीप गंगा नदी पर 132 मीटर स्पान का पुल बनेगा। इसके निर्माण पर 69 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही योगनगरी ऋषिकेश की ओर 35 मीटर स्पान का अतिरिक्त सेतु भी बनाया जाएगा। देहरादून शहर में जलापूर्ति, सड़क एवं जल निकासी प्रणाली के विकास को 724 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास किया गया। 58 करोड़ की लागत से देहरादून में चाइल्ड फ्रेंडली सिटी परियोजना की शुरुआत जल्द होगी।
प्रति वर्ष मिलेगी 353 एमयू बिजली
प्रधानमंत्री ने 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना का लोकार्पण किया। 1777 करोड़ रुपये लागत से बनी इस परियोजना से राजय को प्रति वर्ष 353 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी। इस परियोजना से स्थानीय व्यक्तियों के लिए 25 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित हुआ। साथ में चार हजार मानव दिवस प्रतिमाह स्थायी रोजगार के अवसर भी सृजित होगा। चार धाम आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत देवप्रयाग से श्रीकोट राष्ट्रीय राजमार्ग-58 में 38 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया गया। इससे देवप्रयाग, बागबान, लक्ष्मोली, जुयालगढ़, कीर्तिनगर एवं स्वीत गांवों की कनेक्टिविटी सरल हो गई है।
लामबगड़ में भूस्खलन से निजात
बदरीनाथ जाने के लिए लामबगड़ में भूस्खलन की समस्या से निजात मिल गई है। 108 करोड़ की लागत से 27 से 44 मीटर ऊंचाई की रेनफोर्स्ड अर्थवाल और मार्ग की सतह पर सुरक्षा को राकफाल बैरियर का निर्माण किया गया। इससे सीमांत क्षेत्रों व बदरीनाथ धाम के निवासियों को राहत मिल रही है। ब्रहमपुरी से कौड़ियाला राष्ट्रीय राजमार्ग-58 में 33 किमी सड़क चौड़ीकरण व डक्ट निर्माण से यह मार्ग डबल लेन हो जाएगा। साकणीधार, श्रीनगर एवं देवप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग-58 में 1.1 किमी में भूस्खलन का उपचार किया गया है।
जड़ी बूटी उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
गढ़ीकैंट में 67 करोड़ लागत से निर्मित हिमालयन संस्कृति केंद्र में पुरासंपदा, वेश-भूषा एवं अन्य सांस्कृतिक धरोहरको संजोया गया है। लोकार्पित की गई अन्य योजना स्टेट आफ आर्ट परफ्यूमरी एंड एरोमा लेबोरेट्री को प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से उत्तराखंड में जड़ी-बूटी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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