रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व चंपावत के दुरस्थ क्षेत्रों को भी मिलेगी बैंकिंग सुविधा
अब जल्द ही उत्तराखंड के तीनों जिलों में जिला सहकारी बैंक का लाइसेंस मिल जाएगा। डीसीबी खुलने से तीनों जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी बैंकिंग सुविधा से जुड़ेंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व चंपावत जिलों में जल्द ही अपने जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) अस्तित्व में आएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से इन डीसीबी के औचित्य को लेकर जताई गई आपत्ति का जवाब शासन ने भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि अब जल्द ही तीनों जिलों में डीसीबी का लाइसेंस मिल जाएगा। डीसीबी खुलने से तीनों जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग भी बैंकिंग सुविधा से तो जुड़ेंगे ही, सहकारिता की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिल सकेगा।
13 जिलों वाले उत्तराखंड में 10 जिलों में ही जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) अस्तित्व में हैं। डीसीबी की 274 शाखाएं हैं, जबकि राज्य सहकारी बैंक की 15। अलबत्ता, तीन जिलों रुद्रप्रयाग, चंपावत और बागेश्वर में डीसीबी नहीं हैं। रुद्रप्रयाग में चमोली व टिहरी और बागेश्वर में अल्मोड़ा, चंपावत में पिथौरागढ़ के डीसीबी अपनी शाखाओं के जरिये सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि, तीनों जिलों में सहकारी बैंकों की शाखाएं बेहद कम हैं।
ऐसे में तीनों जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों तक सहकारिता से जुड़ी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने और उन्हें बैंकिंग से जोडऩे में दिक्कतें आ रही हैं। इसे देखते हुए ही इन जिलों में अपने डीसीबी के गठन की मांग अर्से से उठ रही है। इस पर राज्य सहकारी बैंक ने डीसीबी का प्रस्ताव राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को भेजा।
राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक दीपक कुमार के मुताबिक नाबार्ड ने यह प्रस्ताव आरबीआइ को भेजा। आरबीआइ ने आपत्ति लगाते हुए इन जिलों में डीसीबी के औचित्य के बारे में शासन से पूछा। शासन से इसका जवाब चला गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब जल्द ही आरबीआइ से तीनों जिलों में डीसीबी के लिए लाइसेंस मिल जाएगा। इसके बाद वहां बैंक की शाखाएं खोली जाएंगी।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में दूसरे राज्यों के ट्रकों को गुड्स टैक्स में छूट की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर
यह भी पढ़ें: स्मार्ट सिटी प्रॉपर्टी एक्सपो: नामी डेवलपर्स की परियोजनाओं में दिखा दून का रुझान
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप