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जब आने वाली थी बिजली, तब आया कटौती का एसएमएस; पढ़िए पूरी खबर

ऊर्जा मित्र एप की क्या दशा है और उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड एप्लीकेशन को लेकर कितना सक्रिय है इसकी बानगी शनिवार को देखने को मिली।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 01:54 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 01:54 PM (IST)
जब आने वाली थी बिजली, तब आया कटौती का एसएमएस; पढ़िए पूरी खबर
जब आने वाली थी बिजली, तब आया कटौती का एसएमएस; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में ऊर्जा मित्र एप की क्या दशा है और उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड एप्लीकेशन को लेकर कितना सक्रिय है, इसकी बानगी शनिवार को देखने को मिली। प्रेमनगर में सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक विद्युत लाइनों के निकट से गुजर रहे पेड़ों की टहनियों की छंटाई होनी थी। इसके लिए आपूर्ति रोक दी गई, लेकिन ऊर्जा मित्र एप के जरिये उपभोक्ताओं को इस कटौती का एसएमएस दोपहर में डेढ़ बजे मिला।

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ऊर्जा निगम को मोहनपुर प्रेमनगर क्षेत्र में पेड़ों की छंटाई के लिए शनिवार सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक विद्युत आपू‍र्ति बंद रखनी थी। यूपीसीएल को इसकी जानकारी एसएमएस के जरिये उपभोक्ताओं को कम से कम एक दिन पहले देनी होती है, जिससे लोग कटौती से पहले अपने जरूरी काम निपटा लें। मगर बिजली बंद करने की सूचना उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से दोपहर डेढ़ बजे तब मिली, जब आधे घंटे बाद बिजली आने वाली थी। प्रेमनगर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट ने कहा कि इस संबंध में विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के समक्ष भी शिकायत दर्ज की जा चुकी है। इसके बाद ऊर्जा निगम ने ऊर्जा मित्र एप से लोगों को सूचना एसएमएस के माध्यम से भेजनी शुरू की थी। मगर अब यह सूचना केवल दिखावा बनकर रह गई है।

मोहनपुर विद्युत उपकेंद्र प्रेमनगर के उपखंड प्रवेश कुमार ने बताया कि ऊर्जा मित्र के जरिये कटौती का एसएमएस जेई अपनी लॉगइन से भेजते हैं। मैसेज में देरी का कारण नेटवर्क भी हो सकता है। फिलहाल प्रेमनगर में केवल चार ट्रांसफार्मर की सप्लाई क्षेत्र में ही कटौती की गई थी।

औसत बिजली बिल ने बढ़ाई उपभोक्ताओं की मुश्किल

लॉकडाउन के चलते मार्च और अप्रैल में मीटर रीडिंग नहीं हो पाई। इस वजह से ऊर्जा निगम ने साल भर औसत विद्युत खपत के आधार पर उपभोक्ताओं को बिल जारी किया है। मगर समस्या यह है कि कई उपभोक्ताओं के औसत बिल सामान्य खपत से अधिक आ गए हैं। अब उन्हें लग रहा है कि अगर उन्होंने बिल जमा कर दिया और बाद में रीडिंग के आधार पर बिल बने तो बढ़ी रकम कैसे वापस होगी। लॉकडाउन के चलते मार्च और अप्रैल में मीटर रीडिंग नहीं हो पाई। निगम की ओर से उपभोक्ताओं को अप्रैल माह में औसत के आधार पर बिल भेजा गया है। इस बिल का आकलन उपभोक्ताओं के सालभर की खपत के आधार पर किया गया है। 

सालभर की खपत को जोड़ने के बाद उसका 12वां हिस्सा औसत बिल का होगा। अगर सालभर किसी उपभोक्ता का कुल बिजली बिल 12 हजार रुपये रहा है तो उसे एक हजार रुपये का बिल भेजा गया है। मगर कई ऐसे में उपभोक्ता हैं, जिनका औसत बिल पिछले चार पांच महीने में सबसे अधिक आ गया है। व्यवसायिक उपभोक्ताओं को और ज्यादा परेशानी हो रही है। जिनका बिल 5 से 10 हजार रुपये तक आता था, उनका औसत बिल 20 से 30 हजार तक आ गया है।

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यूपीसीएल के प्रवक्ता एके सिंह ने बताया कि मीटर रीडिंग के लिए अनुमति मांगी गई है। जल्द ही रीडिंग का काम शुरू हो जाएगा। इस समय जो एवरेज बिल जारी किया गया है, वह आगामी रीडिंग बिल में एडजस्ट हो जाएगा। हमारा पूरा काम इस समय विद्युत आपूर्ति निरंतर बनाए रखना है।

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