उत्तराखंड में 2022 से पहले संभव नहीं राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, जानिए वजह
राज्य में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 2022 से पहले संभव होता नजर नहीं आ रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य भी ठप पड़ा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अवस्थापनाओं के निर्माण कार्य के लिए बजट नहीं मिल रहा है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 2022 से पहले संभव होता नजर नहीं आ रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य भी ठप पड़ा है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अवस्थापनाओं के निर्माण कार्य के लिए बजट नहीं मिल रहा है।
प्रदेश में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति यह है कि बीते वर्ष तक जोर-शोर से तैयारी का दावा करने वाला खेल महकमा अब अवस्थापना सुविधाओं के विकास के मामले में चुप्पी साधे पड़ा है। वैसे तो वर्ष 2014 में उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित थे। विभिन्न कारणों से ये पीछे खिसकते रहे, लेकिन वर्ष 2019 में भारतीय ओलंपिक संघ ने उत्तराखंड में 2021 में राष्ट्रीय खेलों के होने की उम्मीद जताई। इतना ही नहीं ओलंपिक संघ की गेम्स टेक्निकल एंड कोऑर्डिनेशन कमेटी ने देहरादून पहुंचकर राज्य के तैयारियों की समीक्षा भी की, जिसमें उन्होंने लगभग 50 फीसद कार्य पूरा माना, लेकिन कोरोना ने राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को एक और साल पीछे खिसका दिया है।
विशेष कार्याधिकारी नेशनल गेम्स अजय अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के चलते 2020 में गोवा में होने वाले राष्ट्रीय खेल 2021 में खिसक गए हैं। ऐसे में उत्तराखंड में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल 2020 में ही संभव होते नजर आ रहे हैं। बताया कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बनने वाली अवस्थापनाओं का खाका तैयार है। बजट न मिलने के कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
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राष्ट्रीय खेल की अवस्थापनाओं को मिले थे 128 करोड़
प्रदेश में प्रस्तावित नेशनल गेम्स के लिए खेल संसाधन विकसित करने के लिए 128 करोड़ के बजट का प्रविधान हुआ था। इसमें देहरादून, हरिद्वार और पिथौरागढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस क्रीड़ा हॉल तैयार किए जाने थे। कुछ जगहों पर कार्य शुरू भी हो गया था, लेकिन कोरोना के बाद से कामकाज ठप पड़ा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बजट न मिलने के चलते काम बंद पड़ा है।