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नाबार्ड ने तैयार की 23423.78 करोड़ रुपये की क्रेडिट योजना

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने स्टेट क्रेडिट सेमीनार में करीब 23 हजार करोड़ की योजना का खाका प्रस्तुत किया।

By Edited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 02:42 PM (IST)
नाबार्ड ने तैयार की 23423.78 करोड़ रुपये की क्रेडिट योजना
नाबार्ड ने तैयार की 23423.78 करोड़ रुपये की क्रेडिट योजना
देहरादून, जेएनएन। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने स्टेट क्रेडिट सेमीनार में वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड के लिए 23,423.78 करोड़ रुपये की राज्य क्रेडिट योजना प्रस्तुत की। नाबार्ड ने स्टेट फोकस पेपर में इस वर्ष राज्य की ऋण संभावना में 15.4 फीसद का इजाफा किया है। पेपर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के सभी 13 जिलों में 23423.78 करोड़ रुपये के ऋण खपाने की क्षमता है। अगर सही तरीके से ऋण मिले और उसका ढंग से प्रयोग हो तो उत्तराखंड के आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी। इसके साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों में बेरोजगारी, गरीबी और पलायन की स्थिति पर नियंत्रण किया जा सकेगा। 
सुभाष रोड स्थित एक होटल में शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने स्टेट क्रेडिट सेमीनार 2019-20 का आयोजन किया गया। सेमीनार का शुभारंभ वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने नाबार्ड द्वारा चलाई गई सफल योजनाओं पर बनी लघु फिल्म व पुस्तिका का विमोचन किया। इसके बाद प्रकाश पंत ने कहा कि बेहतर वित्त और एक्सटेंशन सेवाओं से खेती और उससे जुड़े क्षेत्रों से पलायन और गरीबी खुद कम हो जाएगी। 
इससे किसानों, बागवानों, पशुपालकों की कमाई में इजाफा भी संभव है। पर्वतीय इलाकों में पूंजी निर्माण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए नाबार्ड व राज्य सरकार की एजेंसियों को साथ मिलकर काम करना होगा। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसी श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य की प्रगति के लिए सभी विभागों को साथ मिलकर काम करना होगा। कहा कि खेती व इससे जुड़े सेक्टरों के भरोसे उत्तराखंड में समृद्धि लाना संभव है। 
उन्होंने कहा कि अभी सिंचाई व लघु सिंचाई के क्षेत्र में बहुत काम की संभावना है। इसके बाद सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता के जरिए प्रदेश को समृद्ध बनाया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक राजेश कुमार ने कहा कि नाबार्ड ने राज्य क्रेडिट योजना को काफी मेहनत से तैयार किया है, अब इसका सही क्रियान्वयन जरूरी है। एसएलबीसी के सचिव बीसी सैनी ने वित्तीय प्रबंधन व बचत पर जोर दिया। सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि अमूल मॉडल लेकर चले तो प्रदेश बेहद गतिशील होगा। इसके बाद नाबार्ड के महाप्रबंधक विवेक सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। सेमीनार का संचालन उर्वशी गर्ग ने किया। 
योजना का 49 प्रतिशत कृषि पर खर्च करेंगे
सुबोध उनियाल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हम क्रेडिट योजना का 49 प्रतिशत कृषि कृषि क्षेत्र में खर्च करेंगे। इसके लिए बैंक पर्वतीय क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाएं। जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान इससे अवगत हो सकें। उन्होंने कहा कि खेती नुकसान का सौदा नहीं है वर्षों से किसान भारत को सींचते आ रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य में मैकेनिज्म की समस्या है, हमें मैकेनिज्म में बदलाव करना होगा।
अभी किसान खरीददार के पास खुद चलके जाता है। जबकि हमें ऐसा मैकेनिज्म तैयार करना होगा, जिससे खरीददार किसान के पास आए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही दलालों की भी छटनी करनी होगी। तभी किसानों को उनका पूरा लाभ मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि पहाड़ में लैंड होल्डिंग बहुत छोटी है। इसके लिए हम कलेक्टिव फार्मिंग के कॉन्सेप्ट पर काम करेंगे।

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