एमएसएमई उद्योगों की सब्सिडी निदेशालय ने रोकी, डीएम से मिले उद्योगपति
एमएसएमई 2015 नीति के अंतर्गत इन इकाइयों को जो सब्सिडी मिलती है वह दिसंबर 2018 से उद्योग निदेशालय में लंबित है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेशभर में 55 हजार से अधिक एमएसएमई औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें तीन लाख अस्सी हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त है। उद्योग निदेशालय की अनदेखी इन छोटे उद्यमियों पर भारी पड़ने लगी है। 'एमएसएमई 2015 नीति के अंतर्गत इन इकाइयों को जो सब्सिडी मिलती है वह दिसंबर 2018 से उद्योग निदेशालय में लंबित है।
उद्योगपतियों ने उद्योगों से संबंधित समस्याएं गुरुवार को जिला अधिकारी सी रविशंकर के समक्ष उठाई। डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय उद्योग मित्र की बैठक में उद्योगपतियों की समस्याएं सुनी गई। डीएम ने पिटकुल, सिडकुल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पावर कॉरपोरेशन राज्य आयकर विभाग को अल्टीमेटम दिया कि निर्धारित समय के भीतर प्राथमिकता के आधार पर उद्यमियों की समस्याओं का निपटारा किया जाए।
उत्तराखंड इंडस्ट्रीयल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मारवाह व एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि बैठक में उद्योगों से संबंधित नौ बिंदुओं को एजेंडे में शामिल करने और उसने निराकरण का आग्रह किया गया। बतौर देहरादून के जिला अधिकारी सी रविशंकर के साथ उद्योगपतियों की पहली बैठक संतोषजनक रही। बैठक में एसोसिएशन के महासचिव पवन अग्रवाल, इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश भाटिया, उघु उद्योग भारती के सचिव विजय सिंह तोमर, रूप कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।
एसोसिएशन ने इन मुद्दों को उठाया
- सेलाकुई स्थित पीएनबी की राजा रोड शाखा स्थानीय दो औद्योगिक इकाई के प्रबंधन का उत्पीड़न कर रहा है।
- दोनों औद्योगिक इकाइयों को नेट बैंकिंग सुविधा नहीं दी जा रही है।
- सेलाकुई स्थित औद्योगिक क्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व साडा की ओर से लगाई गई 75 स्ट्रीट लाइट आज तक चालू नहीं हुई।
- विकासनगर का सचल दल उद्योगों के वाहनों को शिमला बाईपास तिराहे पर बिना वजह रोक रहा है।
- औद्योगिक क्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व बनाई गई ड्रेनेज को आज तक कवर नहीं किया गया है। जिससे बरसात में जलभराव की समस्या से उद्यमी परेशान हैं।
- सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में पिटकुल की ओर से 220 केवीए का पावर स्टेशन प्रस्तावित है। लेकिन, पिटकुल व सिडकुल की ओर से भूमिगत केबल बिछाने की एनओसी नहीं दी जा रही है। जिससे परियोजना लटकी हुई है।
- पटेलनगर औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें टूटी-फूटी हैं और बरसात में वहां उद्यमियों व कामगारों का पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। इस सड़क को ठीक किया जाए।
- पटेलनगर औद्योगिक क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं और वहां से बदबू पूरे औद्योगिक क्षेत्र में फैली हुई है। इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
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