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एमएसएमई में उत्तराखंड ने भरी जोरदार उछाल, इकाइयों की संख्या पहुंची 60466 तक

एमएसएमई सेक्टर उत्तराखंड को खूब रास आ रहा है। बीते 18 वर्षों में एमएसएमई की इकाइयों की संख्या 14163 से बढ़कर 60466 पहुंच गई है।

By Edited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 03:38 PM (IST)
एमएसएमई में उत्तराखंड ने भरी जोरदार उछाल, इकाइयों की संख्या पहुंची 60466 तक
एमएसएमई में उत्तराखंड ने भरी जोरदार उछाल, इकाइयों की संख्या पहुंची 60466 तक

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर उत्तराखंड को खूब रास आ रहा है। राज्य गठन से लेकर अब तक की तस्वीर इसे बयां कर रही है। बीते 18 वर्षों में एमएसएमई की इकाइयों की संख्या 14163 से बढ़कर 60466 पहुंच गई है। यही नहीं निवेश भी 700.29 करोड़ से बढ़कर 12743.57 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इन इकाइयों में राज्यभर में 298774 लोगों को रोजगार मिल रहा है। एमएसएमई दिवस पर गुरुवार को उद्योग निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक उद्योग एससी नौटियाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर पर केंद्र सरकार का खास फोकस है और राज्य में भी इस दिशा में तेजी से बढ़ा जा रहा है।

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निदेशक उद्योग नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। इसमें एमएसएमई की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई सेक्टर के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक की यूके सिन्हा कमेटी ने अपनी सिफारिशें केंद्र को सौंपी है। इसमें बिना गारंटी के दिए जाने वाले लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही मॉनीटङ्क्षरग, कौशल विकास, जीएसटी रजिस्ट्रेशन, उद्योग आधार, तकनीकी जानकारी, बीमा सुविधा समेत अन्य कई सुझाव भी दिए हैं। 

यूनिट्स का 'हेल्थ चेकअप'

निदेशक नौटियाल ने बताया कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर की सेहत जांचने के मद्देनजर नेशनल यूनिवर्सिटी आफ सिंगापुर के साथ मिलकर सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसे 'एमएसएमई हेल्थ चेकअप' नाम दिया गया है। इसके जरिये बेंचमार्क के साथ सूचकांक निकाला जाएगा। इससे सुधार का रास्ता साफ होगा। साथ ही मैन्युफैक्चङ्क्षरग में मदद मिलेगी।

डीआइसी का होगा सुदृढ़ीकरण

एमएसएमई सेक्टर की मजबूती के लिए यूके सिन्हा कमेटी ने जिला उद्योग केंद्र (डीआइसी) के सुदृढ़ीकरण पर जोर दिया है। इसमें डीआइसी में तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती, मार्केटिंग की जानकारी, कौशल विकास, उद्योग आधार एवं ऋण डॉक्यूमेंट में सहायता समेत अन्य बिंदुओं को लेकर सुझाव दिए गए हैं। बता दें कि 2017 में प्रभात कुमार कमेटी ने भी ऐसे ही सुझाव दिए थे। निदेशक उद्योग के अनुसार राज्य में भी सभी डीआइसी को मजबूत करने पर फोकस किया गया है। तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती के मद्देनजर इंडस्ट्री एसोसिएशन की मदद ली जाएगी।

पीएमईजीपी भी महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) भी एमएसएमई में अहम भूमिका निभा रहा है। इसके तहत राज्य में 15 सेक्टर में उद्यमियों ने खासी रुचि ली है। पलायन आयोग ने भी राज्य में पलायन थामने के लिए पीएमईजीपी को अहम माना है। इसे देखते हुए उद्योग विभाग अब इस पर भी अधिक फोकस कर रहा है। इस साल हर जिले में 75-75 प्रोजेक्ट का लक्ष्य रखा गया है।

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