BSNL KYC अपडेट कराने के नाम पर खाते से निकाले साढ़े 15 लाख रुपये, आरोपित राजस्थान से गिरफ्तार
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीएसएनएल केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर साढ़े 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो शातिरों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इस संबंध में एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत मिली थी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीएसएनएल केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर साढ़े 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो शातिरों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इस संबंध में एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक शिकायत मिली थी। जिसमें देहरादून निवासी गोपाल कृष्ण शर्मा को एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनका बीएसएनएल का फोन ब्लॉक हो जाएगा। इस भय से उनको विश्वास दिलाया गया कि वह एक एप्प क्विक स्पोर्ट एप्प को डाउनलोड कर ले। इसके माध्यम से उनकी फोन की केवाईसी को अपडेट किया जाएगा।
झांसे में आकर शिकायतकर्त्ता ने क्विक स्पोर्ट एप डाउनलोड किया और कुछ ही मिनटों में उनके चार बैंक खातों में से साढ़े 15 लाख रुपये निकाल लिए गए। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लगभग नौ लाख रुपये, पंजाब नेशनल बैंक से तीन लाख रुपये, आइसीआइसीआइ बैंक से 3.5 लाख एवं एक्सिस बैंक से एक लाख की ठगी हुई। पुलिस ने शातिर अरविंद राजपुरोहित एवं धीरज पंचारिया को नोखा बीकानेर से गिरफ्तार किया गया है। ठगी की रकम से शातिरों ने विभिन्न क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग शॉपिंग में सामान खरीदते तथा पैट्रोल फिलिंग स्टेशन में इस्तेमाल कर लिया गया।
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लापता युवती का शव 16 दिन बाद गंगा से बरामद
थाना मुनिकीरेती के तपोवन पुलिस चौकी क्षेत्र में पिछली 21 मार्च से लापता युवती का शव गंगा से बरामद किया गया है। तपोवन के पुलिस चौकी प्रभारी सुनील पंत ने बताया कि बीते बुधवार को मुनिकीरेती क्षेत्र में गंगा से एक अज्ञात युवती का शव बरामद किया गया था। शव को पहचान के लिए एम्स की मोर्चरी में रखवाया गया था। तपोवन क्षेत्र में 22 मार्च को एक युवती की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। इसलिए गुरुवार को युवती के स्वजन को शव की शिनाख्त के लिए एम्स ले जाया गया। जहां उन्होंने शव की पहचान निशा (18 वर्ष) निवासी सपेरा बस्ती तपोवन के रूप में हुई। चौकी प्रभारी ने बताया कि निशा की गुमशुदगी 22 मार्च को दर्ज की गई थी। उसे पुलिस ने काफी तलाश किया और उसकी मोबाइल कॉल डिटेल भी निकाली गई। जिससे कोई पता नहीं चला पाया था।
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