उत्तराखंड में निकाय चुनावों पर भी असर दिखाएगा मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा राज्य में 18 नवंबर को होने वाले निकाय चुनावों में भी अपना असर दिखाएगा। इससे भाजपा उत्साहित है, वहीं कांग्रेसी चिंतित हैं।
देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा राज्य में 18 नवंबर को होने वाले निकाय चुनावों में भी अपना असर दिखाएगा। सैनिक बहुल प्रदेश में जिस तरह से प्रधानमंत्री ने सीमांत सैन्य चौकी हर्षिल जाकर सैनिकों के बीच दीपावली मनाई और फिर केदारनाथ में निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया, उससे उन्होंने उत्तराखंड के प्रति अपने लगाव का इशारा भी दिया।
प्रदेश में निकाय चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के इस दौरे की अहमियत भाजपा भी समझ रही है और कांग्रेस भी। भाजपा खुश है कि इससे पार्टी प्रत्याशियों को लाभ मिलेगा तो वहीं कांग्रेस इससे चिंतित नजर आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अब तक के कार्यकाल में दस बार उत्तराखंड आ चुके हैं। इससे कहीं न कहीं वह यह संदेश देने में कामयाब रहे हैं कि वह उत्तराखंड की चिंता करते हैं और प्रदेश के विकास को लेकर वह अहम कदम भी उठा रहे हैं।
अब चाहे वह ऑल वेदर रोड का मामला हो या फिर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन परियोजना, प्रधानमंत्री इनकी प्रगति पर स्वयं नजर रखे हुए हैं। यहां तक कि इन्वेस्टर्स समिट में आकर प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं के द्वार खोले हैं और राज्य के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित किया है।
उनके इस लगाव से जनता भी कहीं न कहीं जुड़ रही है। इसका सीधा फायदा भाजपा संगठन व प्रदेश भाजपा सरकार को मिल रहा है।
जनता के बीच सरकार और संगठन, प्रधानमंत्री के उत्तराखंड के प्रति लगाव को प्रचारित भी कर रही हैं और केंद्र की सहयोग से प्रदेश में हो रहे कार्यों को भी इससे जोड़ रहे हैं।
इस समय प्रदेश निकाय चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। प्रत्याशियों का नामांकन हो चुका है और प्रचार भी शुरू हो गया है। अगले दस दिन बाद मतदान भी हो जाएगा। ऐसे अहम समय पर प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आकर सैनिकों संग दीपावली मनाना और बाबा केदार के दर्शन करने के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, हर्षिल में सैनिकों को दिए गए संबोधन में प्रधानमंत्री ने वन रैंक वन पेंशन से लेकर सेना को मजबूत करने के लिए सरकार के प्रयासों को साझा किया। सैनिक बहुल प्रदेश में प्रधानमंत्री का यह कदम पूर्व सैनिकों के साथ ही सैन्य परिवारों के बीच एक संदेश भी दे गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा चुनावों में भी इसका असर पड़ेगा और मोदी के नाम पर एक बार फिर कई प्रत्याशी अपनी चुनावी वैतरणी पार लगा सकेंगे। जाहिर है कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से जहां भाजपा की बांछें खिली हैं, वहीं कांग्रेस की पेशानी पर बल पड़े हैं।
कांग्रेस की चिंता का कारण ये है कि कहीं मोदी फैक्टर निकाय चुनाव में भी चल गया तो...। हालांकि, कांग्रेस अब इसका तोड़ निकालने की जिद्दोजहद में जुट गई है।
यह भी पढ़ें: मोदी ने चीन सीमा पर जवानों को मिठाई खिलाकर मनाई दीपावली, किए केदार बाबा के दर्शन
यह भी पढ़ें: पीएम के दौरे के लिए छावनी में तब्दील केदारनाथ धाम, इतनी पुलिस फोर्स तैनात
यह भी पढ़ें: भारत चीन सीमा स्थित नेलांग घाटी में जवानों से मिले सेनाध्यक्ष