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उत्तराखंड में सालभर सक्रिय रहेंगे माडल क्रू-स्टेशन, ये सुविधाएं रहेंगी उपलब्ध

उत्तराखंड में फायर सीजन के दौरान वनों की आग पर नियंत्रण को बनाए जाने वाले क्रू-स्टेशन अब न सिर्फ नए कलेवर में नजर आएंगे बल्कि वर्षभर सक्रिय रहेंगे। वन विभाग ने परंपरागत क्रू-स्टेशन के स्थान पर माडल क्रू-स्टेशन बनाने का निश्चय किया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 07:45 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 07:45 AM (IST)
उत्तराखंड में सालभर सक्रिय रहेंगे माडल क्रू-स्टेशन, ये सुविधाएं रहेंगी उपलब्ध
उत्तराखंड में सालभर सक्रिय रहेंगे माडल क्रू-स्टेशन, ये सुविधाएं रहेंगी उपलब्ध।

केदार दत्त, देहरादून। उत्तराखंड में फायर सीजन के दौरान वनों की आग पर नियंत्रण को बनाए जाने वाले क्रू-स्टेशन अब न सिर्फ नए कलेवर में नजर आएंगे, बल्कि वर्षभर सक्रिय रहेंगे। वन विभाग ने परंपरागत क्रू-स्टेशन के स्थान पर माडल क्रू-स्टेशन बनाने का निश्चय किया है। इनमें कर्मचारियों के लिए रहने-खाने की व्यवस्था, संचार कनेक्टिविटी, आपदा से निबटने को प्रभावी उपकरण, वाहन आदि की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रत्येक माडल क्रू-स्टेशन में आठ से 12 कर्मचारियों की तैनाती रहेगी। महकमे ने इस साल ऐसे 50 क्रू-स्टेशन बनाने के लिए 8.19 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है।

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फायर सीजन यानी 15 फरवरी से मानसून के आगमन तक की अवधि। इसी दौरान 71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में जंगल सर्वाधिक धधकते हैं। इस मर्तबा तस्वीर बदली-बदली सी है। पिछले साल अक्टूबर से वनों के सुलगने का क्रम शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। यही वजह है कि जंगल की आग से निबटने के लिए सरकार ने राज्य में सालभर फायर सीजन घोषित किया है।जंगल की आग से निबटने के लिए वन विभाग फायर सीजन के दौरान संवेदनशील स्थानों पर क्रू-स्टेशन स्थापित करता है। वर्तमान में इनकी संख्या 1700 के करीब है। एक क्रू-स्टेशन में चार से छह कर्मचारियों की तैनाती की जाती है, जो आग की सूचना मिलते ही तुरंत उसे बुझाने में जुटते हैं। 

राज्य गठन से पूर्व से ही यह व्यवस्था चली आ रही है, अब जबकि जंगल की आग के अलावा मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में रखा गया है तो वन विभाग ने पारंपरिक क्रू-स्टेशन का दायरा बढ़ाते हुए इन्हें माडल क्रू-स्टेशन के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी के मुताबिक माडल क्रू-स्टेशन में कर्मचारियों के रहने-खाने व शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। संचार कनेक्टिविटी के लिए मोबाइल, वायरलेस जैसा तंत्र विकसित होगा। 

आग पर नियंत्रण समेत अन्य आपदाओं से निबटने को पर्याप्त संख्या में उपकरणों की व्यवस्था व भंडारण और आवागमन के लिए वाहन की व्यवस्था प्रत्येक माडल क्रू-स्टेशन में रहेगी।पीसीसीएफ भरतरी ने बताया कि पहले चरण में इस साल वन प्रभाग स्तर और फिर इसके बाद रेंज स्तर पर माडल क्रू-स्टेशन तैयार किए जाएंगे। ये सभी एक प्रकार से स्थायी होंगे और वर्षभर सक्रिय रहेंगे। वन क्षेत्र के साथ ही आसपास कहीं भी आपदा की स्थिति में क्रू-स्टेशन में तैनात कर्मचारी बचाव और राहत कार्य में जुट जाएंगे। इन स्टेशन में आसपास के ग्रामीणों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।

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