Coronavirus: उत्तराखंड में गांव लौटे 45 हजार प्रवासियों को मनरेगा में जॉबकार्ड
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ने बड़ा संबल दिया है। अब तक 45638 प्रवासियों का पंजीकरण कर उन्हें जॉबकार्ड उपलब्ध कराए गए।
By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:10 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के मद्देनजर देश के विभिन्न प्रांतों से उत्तराखंड स्थित अपने गांव लौटे प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ने बड़ा संबल दिया है। मनरेगा के आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं। इनके मुताबिक 20 अप्रैल से अब तक 45638 प्रवासियों का पंजीकरण कर उन्हें जॉबकार्ड उपलब्ध कराए गए। नए जॉबकार्डधारियों में से 36133 लोग बतौर नए श्रमिक मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों में रोजगार पाए हुए हैं।
राज्य के विभिन्न गांवों में ढाई लाख से अधिक प्रवासी अपने गांव लौटे हैं। ऐसे में उन्हें गांव में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने की दिशा में कवायद चल रही है। फौरी राहत दिलाने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। दरअसल, कोरोना संकट के कारण राज्य में भी मनरेगा की गतिविधियां बंद हो गई थीं। बाद में केंद्र से मिली छूट के बाद 20 अपै्रल से मनरेगा के कार्यों की शुरुआत की गई।
इसे ग्रामीणों ने सिर आंखों पर लिया। साथ ही प्रवासियों ने भी उत्साह दिखाया। मनरेगा के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम के अनुसार 20 अप्रैल से अब तक 33991 कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इनमें श्रमिकों की संख्या 455917 पहुंच गई है, जिनमें गांव लौटे 36133 नए श्रमिक हैं। वह बताते हैं कि मनरेगा के तहत जल संरक्षण-संवर्द्धन, ग्रामीण अवस्थापना, सिंचाई सुविधा, पौधरोपण, आजीविका संवर्द्धन जैसे कार्य संचालित किए जा रहे हैं।
प्रवासियों को जॉबकार्ड और रोजगार
जिला, जॉबकार्ड, श्रमिक
ऊधमसिंहनगर, 8330, 7799
टिहरी, 7267, 4520
उत्तरकाशी, 5436, 5320
बागेश्वर, 3774, 3063
पौड़ी, 3537, 3092
चंपावत, 3297, 1282
पिथौरागढ़, 3211, 1848
देहरादून, 2592, 1661
चमोली, 2240, 2240
रुद्रप्रयाग, 1824, 1824
अल्मोड़ा, 1517, 1142
हरिद्वार, 1438, 1438
नैनीताल, 1175, 904
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