राज्यमंत्री रेखा आर्य और आइएएस वी षणमुगम विवाद प्रकरण में आया नया मोड़, मुख्य सचिव ने जांच अधिकारी को लौटाई रिपोर्ट
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन की आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन को लेकर विभागीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य और निदेशक वी षणमुगम के मध्य विवाद प्रकरण में नया मोड़ आया है। मुख्य सचिव ने प्रकरण की जांच रिपोर्ट में खामियां पाई हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन की आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन को लेकर विभागीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य और निदेशक वी षणमुगम के मध्य विवाद प्रकरण में नया मोड़ आया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने प्रकरण की जांच रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं पर खामियां पाई हैं। इसे देखते हुए जांच रिपोर्ट फिर से जांच अधिकारी अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को लौटाई जा रही है।
विभाग में आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन में गड़बड़ी की शिकायत आने पर विभागीय मंत्री आर्य ने टेंडर प्रक्रिया के साथ ही कार्यादेश निरस्त करने के आदेश निदेशक को दिए थे। उन्होंने टेंडर से संबंधित पत्रावली भी तलब की थी। दो दिन तक निदेशक वी षणमुगम से उनका फोन पर भी संपर्क नहीं हो पाया। विभागीय मंत्री आर्य ने निदेशक की तलाश के लिए पुलिस को तहरीर तक दे दी। सितंबर में विधानसभा के शीतकालीन सत्र से ऐन पहले मंत्री और निदेशक के मध्य विवाद से सरकार असहज भी हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इसकी जांच अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को सौंपी।
करीब एक माह की जांच पड़ताल के बाद जांच अधिकारी ने हाल में मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। इसका परीक्षण चल रहा था। तब ये बात छनकर आई थी कि जांच रिपोर्ट में टेंडर के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को सही ठहराया गया है। चर्चा यह भी रही कि जांच रिपोर्ट में विभागीय निदेशक आइएएस वी षणमुगम को क्लीन चिट दी गई है। हालांकि, अभी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश के अनुसार जांच रिपोर्ट के परीक्षण के दौरान ये बात सामने आई है कि जांच में कुछ खामियां हैं। कुछ बिंदुओं पर ज्यादा स्पष्टीकरण की जरूरत है। इसे देखते हुए यह रिपोर्ट जांच अधिकारी को भेजी जा रही है। सभी बिंदुओं पर स्पष्टता होने के बाद ही जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी।