उत्तराखंड में मेधावी छात्राओं को नहीं मिल रहा स्कॉलरशिप योजना का लाभ, जानिए वजह
अधिकारियों की लापरवाही से इस बार प्रदेश के मेधावी छात्राओं को एनएसआइजीएसई स्कॉलरशिप योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। शिक्षा विभाग के निचले अधिकारी कितने लापरवाह हैं। इस बात का अंदाजा निदेशालय की ओर से जारी निर्देर्शों को अनदेखा करने से लगाया जा सकता है। इन अधिकारियों की लापरवाही से इस बार प्रदेश के मेधावी छात्राओं को एनएसआइजीएसई स्कॉलरशिप योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बार-बार निर्देश के बाद भी नेशनल स्कीम ऑफ इन्सेंटिव टू गर्ल्स फॉर सेकंडरी एजुकेशन (एनएसआइजीएसई) स्कॉलरशिप योजना के लिए अधिकारियों ने छात्राओं का डाटा निदेशालय को उपलब्ध नहीं कराया। अब निदेशालय ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी सीईओ और डीईओ को रिमांइडर भेजते हुए जल्द ही मेधावी छात्राओं की सूची देने को कहा है।
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एनएसआइजीएसई स्कॉलरशिप के लिए निदेशालय लगभग दो महीने से वर्ष 2013 से 2017 के बीच दसवीं में अव्वल रहने वाली छात्राओं का डाटा जुटाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए निदेशालय ने सभी मुख्य शिक्षाधिकारियों के साथ ही जिला शिक्षाधिकारियों को बतौर निर्देश दिए, लेकिन ब्लॉक और जिला स्तर पर अधिकारी यह डाटा निदेशालय को उपलब्ध नहीं करवा पा रहें हैं। इस तरह की लापरवाही विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली को भी दर्शाता है। अब मामले को लेकर शिक्षा निदेशालय ने सभी सीईओ व डीईओ को रिमांडर भेजा है। जिससे मेधावी छात्राओं को योजना का लाभ मिल सके।
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देहरादून के चार ब्लॉकों ने नहीं दिया डाटा
देहरादून जिले में ब्लॉक स्तर पर अधिकारी योजना को लेकर लापरवाही बरतने में पीछे नहीं हैं। सीईओ ने शुक्रवार को पत्र जारी कर चकराता, कालसी, सहसपुर, रायपुर और डोईवाला ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों को छात्राओं का डाटा उपलब्ध कराने के आदेश दिए। सीईओ आशा रानी ने बताया कि अब तक केवल विकासनगर ने ही छात्राओं का डाटा उपलब्ध कराया है।
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर का कहना है कि एनएसआइजीएसई स्कॉलरशिप योजना के तहत छात्राओं को लाभ दिलाए जाने के लिए पूर्व में भी निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन अधिकारियों की ओर से छात्राओं का डाटा निदेशालय को उपलब्ध नहीं कराया गया। अब उन्हें रिमाइंडर भेजा गया है।
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