बोक्सा जनजाति की दशा व दिशा पर मंथन
संवाद सहयोगी, विकासनगर: बोक्सा जनजाति का आर्थिक, सामाजिक उत्थान कर इसकी दशा व दिशा सुधारन
संवाद सहयोगी, विकासनगर: बोक्सा जनजाति का आर्थिक, सामाजिक उत्थान कर इसकी दशा व दिशा सुधारने पर चर्चा के लिए हिमालयन बोक्सा आदिम जनजाति उत्थान समिति ने रविवार को बोक्सा आदिम जनजाति आदर्श प्राथमिक विद्यालय शेरपुर में संगोष्ठी का आयोजन किया।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एनएस नपलच्याल ने कहा कि सूबे की अन्य जनजातियों की अपेक्षा बोक्सा जनजाति अभी भी विकास से कोसों दूर है। इसका मुख्य कारण शिक्षा व जागरूकता का अभाव है। जानकारी के अभाव में बोक्सा जनजाति के लोगों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है और न ही बोक्सा जनजाति को कभी सरकार में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। लिहाजा अधिकांश बोक्सा परिवार 19वीं सदी का जीवन जी रहे हैं। कहा कि किसी भी जाति समूह की विशिष्ट पहचन होती है। बोक्सा जनजाति की सांस्कृतिक व सामाजिक संरचना ही उसकी पहचान है। लेकिन, इसी पहचान के साथ आधुनिक युग में कदम रखने की जरूरत है। पूर्व शिक्षा निदेशक सीएस ग्वाल ने कहा कि जनजाति समूहों को अपनी विशिष्ट संस्कृति के साथ ही आधुनिकता के दौर में भी प्रवेश करना होगा, जिससे विकास की किरण जनजाति समुदाय तक पहुंच सके। इसके लिए उन्होंने जनजाति क्षेत्रों में शिक्षा पर विशेष जोर देने को कहा।
सहसपुर विधायक ने बोक्सा जाति की दशा व दिशा सुधारने के लिए प्रदेश सरकार से हरसंभव सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि प्रदेश सरकार सुनिश्चित करेगी कि बोक्सा जनजाति को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने बोक्सा आदिम जनजाति आदर्श प्राथमिक स्कूल शेरपुर को विधायक निधि से पांच लाख देने की घोषणा की। संगोष्ठी में बोक्सा जनजाति के विकास के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वाणिज्य कर अधिकारी अशोक ¨सह गब्र्याल को सम्मानित किया गया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष मान ¨सह, सचिव सतीश कुमार, पूर्व निदेशक सांख्यिकीय विभाग यतेंद्र पांगती, महिमन गब्र्याल, विमला महासचिव अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति आदि मौजूद रहे।