मीटू पीड़िता का आरोप, शासन स्तर पर दबाई गई सुरक्षा की अर्जी
मीटू पीड़िता ने सुरक्षा की अर्जी को शासन स्तर पर दबाने का आरोप लगाया है। साथ ही झूठी चार्जशीट प्रकरण की जांच भी शुरू न होने पर नाराजगी जाहिर की।
देहरादून, जेएनएन। भाजपा के पूर्व महामंत्री (संगठन) संजय कुमार पर आरोप लगाने वाली युवती ने सुरक्षा की अर्जी को शासन स्तर पर दबाने का आरोप लगाया है। कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें फोन आया था कि गृह विभाग के स्तर पर सुरक्षा दी जाएगी। मगर, गृह विभाग ने इस संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए हैं। उधर, झूठी चार्जशीट प्रकरण की जांच भी शुरू न होने पर पीड़िता ने नाराजगी जाहिर की है।
मीटू प्रकरण में पीडि़ता को जनपद पुलिस ने फरवरी माह तक सुरक्षा दी थी। मगर, इसके बाद अचानक सुरक्षा हटा दी। पीड़िता का आरोप है कि सुरक्षा हटने के बाद पांच से ज्यादा बार जान से मारने की धमकी और कुछ लोगों ने हमले किए। इस पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन पर बताया कि उनकी अर्जी को गृह विभाग को भेजा गया है। मगर तीन माह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अर्जी पर निर्णय नहीं हुआ है।
इधर, मीटू प्रकरण में पुलिस की विवेचना पर सवाल उठाने पर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने एसपी सिटी श्वेता चौबे को जांच सौंपी थी। अभी इस प्रकरण की जांच भी शुरू नहीं हुई है। एसपी सिटी ने बताया कि गत दिवस ही जांच का आदेश मिला है। जल्द इस मामले में पीड़िता के बयान लेने के साथ ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीड़िता की हर संभव मदद की जाएगी।
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