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1984 से पूर्व के निर्माण पर नोटिस निरस्त करेगा एमडीडीए Dehradun News

आवासीय नक्शे पर जो व्यापारिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं उन्हें सील करने के लिए एमडीडीए ने एक हजार नोटिस जारी किए हैं। राहत ये है कि एमडीडीए के गठन से पहले के नोटिस निरस्त होंगे।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 11:41 AM (IST)
1984 से पूर्व के निर्माण पर नोटिस निरस्त करेगा एमडीडीए Dehradun News
1984 से पूर्व के निर्माण पर नोटिस निरस्त करेगा एमडीडीए Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में आवासीय नक्शे पर जो व्यापारिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं, उन्हें सील करने के लिए एमडीडीए ने शहरभर में करीब एक हजार नोटिस जारी किए हैं। बड़ी संख्या में इस तरह के निर्माण कंपाउंडिंग के भी दायरे में नहीं आ पा रहे। इस बीच राहत ये है कि एमडीडीए के गठन से पहले के नोटिस निरस्त कर दिए जाएंगे। 

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एमडीडीए से राहत की उम्मीद को लेकर दून उद्योग व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव से मिला। मुलाकात में मंडल अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि एमडीडीए ने जो नोटिस भेजे हैं, उसमें जवाब देने के लिए महज दो-दो दिन का समय दिया जा रहा है। लिहाजा अब कारोबारियों को दीपावली के बाद का समय दिया जाए। 

इस पर उपाध्यक्ष ने कहा कि कारोबारियों को डरने की जरूरत नहीं है और वह वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के तहत अपने निर्माण कंपाउंड करा सकते हैं। इसके लिए फ्रंट सेटबैक व पार्किंग के मानकों में भी ढील दी गई है। 

हालांकि, व्यापार मंडल ने कहा कि छोटी दुकानें कंपाउंड कराने पर पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी। इसके लिए उपाध्यक्ष ने कहा कि ऐसे प्रकरण को वह सरकार व शासन के समक्ष रखेंगे। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति इस तरह का साक्ष्य देंगे कि उनका निर्माण एमडीडीए के गठन (वर्ष 1984) से पूर्व का है तो उनके नोटिस निरस्त कर दिए जाएंगे। इस अवसर पर सुनील मैसोन, के अहमद, मीत अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

सीएम के पास पहुंचे विधायक

एमडीडीए के नोटिस से सहमे व्यापारियों के प्रकरण को लेकर दून के विधायकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। कैंट क्षेत्र के विधायक हरबंस कपूर के नेतृत्व में मसूरी विधायक गणेश जोशी और राजपुर रोड विधायक खजानदास मुख्यमंत्री से मिले विधायकों के कहा कि व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों की कंपाउंडिंग कराने को तैयार हैं, मगर एमडीडीए उन्हें समय नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रकरण के समाधान के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए।

अतिक्रमण अभियान के आड़े आते रहे हैं विधायक

शहरहित में हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है और उसी के विधायक इस अभियान के आड़े आ रहे हैं। अभियान के पहले चरण में पिछले साल प्रेमनगर में अतिक्रमण की कार्रवाई को रोकने के लिए सत्ताधारी विधायकों समेत विपक्ष के नेता भी खड़े हो गए थे। 

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कोर्ट के आदेश के विपरीत एक सुर नजर आए सत्ता व विपक्ष की जुगलबंदी के कारण अभियान में खासा विलंब हुआ था। दूसरी तरफ सरकार को उन कारोबारियों व लोगों ने खड़ा कर दिया, जिनके अतिक्रमण तोड़ते समय कोई भी नजर नहीं आया या जिन्होंने चुपचाप अपने अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए।

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