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राउंड टेबल कांफ्रेंसः दून की समस्याएं पहचानी गईं, अब शुरू होगा काम

आरटीसी में माय सिटी माय प्राइड महाभियान के पांच पिलर सुरक्षा, शिक्षा, ढांचागत विकास, स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर यह तय किया गया कि कैसे धरातलीय स्थिति पर ठोस काम किया जा सकता है।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 06:09 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 12:43 PM (IST)

जागरण संवाददाता, देहरादून: 'दैनिक जागरण’ के महाभियान 'माय सिटी माय प्राइड’ ने जनजागरूकता के बाद अब सहभागिता की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिकी, सुरक्षा व इन्फ्रा के मोर्चे पर दून की समस्याओं की पहचान करने के बाद बेहतरी के लिए सुझाव व संस्तुतियां भी सामने आ चुकी हैं। ऐसे में अब समय है एक कदम आगे बढ़कर दून के लिए कुछ ठोस प्रयास करने का। इसी को ध्यान में रखते हुए शनिवार की दैनिक जागरण कार्यालय में हुई राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस (आरटीसी) में सरकार व सिस्टम का हिस्सा बने लोगों के साथ ही विशेषज्ञों ने अपनी प्रतिबद्धताएं स्पष्ट कीं। हर किसी ने बताया कि वह दून की बेहतरी के लिए क्या-क्या कदम उठाएंगे।

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आरटीसी में माय सिटी माय प्राइड महाभियान के पांच पिलर सुरक्षा, शिक्षा, ढांचागत विकास, स्वास्थ्य व अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर यह तय किया गया कि कैसे धरातलीय स्थिति पर ठोस काम किया जा सकता है। कॉन्फ्रेंस में मसूरी क्षेत्र के विधायक गणेश जोशी ने कहा कि वह हर पिलर के लिए व्यक्तिगत स्तर के अलावा सरकारी स्तर पर भी प्रयास करेंगे। बजट से लेकर प्रस्ताव बनाने तक उन्होंने दून की बेहतरी के लिए काम करने का संकल्प लिया। इसी तरह सीओ डालनवाला जया बलूनी ने अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए विभिन्न प्राथमिकताएं गिनाईं। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र के साथ ही वह अन्य क्षेत्रों में भी सुरक्षा के लिए प्रयास करने की प्रेरणा देंगी।

थिंक टैंक के रूप में पहचान बना चुके गति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि ढांचागत विकास के लिए उनके पास क्या योजना है और वह इसे किस तरह धरातल पर उतारेंगे। वहीं, कृषि उत्पादन मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने कूड़े का पृथक्करण करते हुए जैविक खाद बनाने की योजना पर प्रकाश डाला। 'धाद’ संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं और मनुर्भव संस्था की संस्थापक गिरिबाला जुयाल ने दून की शिक्षा व्यवस्था व आर्थिक उन्नति को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को स्पष्ट किया।

दून की बेहतरी को लिए गए संकल्प
एमडीडीए के बायलॉज में कराया जाएगा संशोधन
अपनी विधायक निधि से शहर में विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था कराने के साथ ही सरकार को इस बात का प्रस्ताव दूंगा कि हर कमर्शियल भवन में सीसीटीवी कैमरों की अनिवार्यता की जाए। इसके लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के बिल्डिंग बायलॉज में भी संशोधन का सुझाव दिया जाएगा। ताकि भविष्य में जो भी कमर्शियल भवन का नक्शा पास किया जाए, उसमें सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की अनिवार्यता कर दी जाए। इसके अलावा दून में जिला अस्पताल की दिशा में भी फोकस करने का प्रस्ताव दिया जाएगा। दून चिकित्सालय के मेडिकल कॉलेज का हिस्सा बनने के बाद एक जिला अस्पताल की कमी खलने लगी है। दून के बाहरी क्षेत्रों में जो अस्पताल हैं (प्रेमनगर, रायपुर आदि) उनकी व्यवस्थाएं सुदृढ़ कराने की दिशा में भी काम करूंगा। ताकि चिकित्सा के लिए दून पर पडऩे वाले दबाव को भी कम किया जा सके।
-गणेश जोशी, विधायक, मसूरी विधानसभा क्षेत्र

एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स के गठन के बाद होगी प्रभावी कार्रवाई
वर्तमान में युवाओं में नशाखोरी की प्रवृत्ति बढ़ रही है। लेकिन, केवल उन पर नकेल कसकर इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता, लिहाजा मेरा प्रयास रहेगा कि उस सिस्टम को पकड़ा जाए, जहां से ड्रग्स की सप्लाई हो रही है। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश पर एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। यह टास्क फोर्स थ्री-टियर सिस्टम पर काम करेगी। अपने क्षेत्र में इसके माध्यम से प्रभावी कार्रवाई कराई जाएगी। इसके अलावा चेकिंग अभियान तेज किया जाएगा। इस काम के लिए स्थानीय जनता से भी सहयोग की अपेक्षा है। बात समझने की है कि जनसहयोग से ही पुलिस किसी भी अपराध को जड़ से मिटा सकती है।
-जया बलूनी, सीओ, डालनवाला क्षेत्र, देहरादून

ढांचागत विकास को होगा सर्वे
दून के ढांचागत विकास की दिशा में बहुत कुछ किया जाना बाकी है और मौजूदा प्रगति आशा के अनुरूप नहीं रही। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (रहने योग्य) में 111 शहरों में दून का स्थान 80वां रहा। दून को 100 में से महज 30.49 अंक मिले। सबसे खराब प्रदर्शन ढांचागत विकास में रहा। दून की बेहतरी के लिए ही कुछ दिन पहले गति फाउंडेशन ने देश की नामी संस्था जनाग्रह के साथ कार्य कर रही है। अब गति फाउंडेशन के माध्यम से शहर की विभिन्न सेवाओं का सर्वे कराया जाएगा और फिर उनमें सुधार के लिए एमडीडीए, नगर निगम आदि संस्थाओं को सहयोग किया जाएगा। खासकर, दून में वायु प्रदूषण, यातायात सुविधा, कूड़ा निस्तारण, सड़क सुविधा के मोर्चे पर धरातलीय काम के प्रयास होंगे। दूसरी तरफ आर्थिक विकास की बात करें तो आवागमन की स्थिति बेहतर करने के लिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुधारना जरूरी है। संस्था के माध्यम से सरकार को सुझाव दिए जाएंगे कि कैसे स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू किया जा सके। हाल ही में स्मार्ट सिटी के तहत इस मामले में एक कार्यशाला भी आयोजित की जा चुकी है।
-अनूप नौटियाल, संस्थापक अध्यक्ष, गति फाउंडेशन

कूड़ा निस्तारण को नगर निगम के साथ करेंगे काम
दून में कूड़े की समस्या लगातार बढ़ रही है। मंडी समिति ने अपने परिसर में निकलने वाले जैविक कूड़े से खाद बनाने का संयंत्र लगाया है। इससे 22 दिन में कूड़े से खाद तैयार की जाती है। निकट भविष्य में मेरा प्रयास रहेगा कि 20 घंटे में खाद तैयार करने का संयंत्र लगाया जा सके। हालांकि, इसके लिए अधिक मात्रा में जैविक कूड़े की जरूरत पड़ेगी। प्रयास रहेगा कि नगर निगम से बात कर वहां से कूड़ा मंगाया जा सके। ताकि अधिक मात्रा में खाद तैयार की जा सके। यह खाद महज पांच रुपये किलो में उपलब्ध है। नगर निगम ने सहयोग किया तो न सिर्फ जैविक यह कूड़ा निस्तारण की दिशा में बड़ा कदम होगा, बल्कि इससे लोगों को उच्च गुणवत्ता की खाद भी मिल पाएगी।
-विजय थपलियाल, सचिव, कृषि उत्पादन मंडी समिति, देहरादून

यूथ के साथ कम होते डायलॉग की खामी सुधारी जाएगी
वर्तमान में देखने में आ रहा है कि यूथ के साथ डायलॉग निरंतर कम हो रहा है। शिक्षण संस्थानों की भूमिका भी निरंतर सिमट रही है। नैतिक शिक्षा जैसी बात अब स्कूलों में नजर नहीं आती है। निजी स्कूल कुछ हद तक बच्चों को तराश रहे हैं, मगर सरकारी स्कूलों में सिर्फ रस्मअदायगी की जा रही है। ऐसे में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा। समाज में ऐसे लोगों को एकजुट किया जाएगा, जो अपने आसपास के स्कूलों की व्यवस्था में सुधारने में अपना सहयोग कर सकें। आर्थिक रूप से भी संसाधन जुटाए जाएंगे। युवाओं के मन की थाह भी ली जाएगी, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। आरटीसी के माध्यम से लक्ष्य मैंने अपने लिए व अपनी संस्था के लिए तय किया है, उसे जल्द पूरा किया जाएगा।
-तन्मय ममगाईं, सचिव, सामाजिक संस्था 'धाद'

बच्चों को बेहतर माहौल देने की होगी पहल
मैं अपनी संस्था के माध्यम से उन बच्चों की बेहतरी के लिए काम कर रही हूं, जो जेल से छूटकर आते हैं। कई बार देखा जाता है कि ऐसे बच्चों के बाहर आने पर वह अकेले पड़ जाते हैं। कई बार उनके पास घर वापस जाने तक के लिए पैसे नहीं होते। यह प्रयास अभी सूक्ष्म स्तर पर किए जा रहे हैं। हालांकि इस आरटीसी में मसूरी विधायक ने मदद का आश्वासन दिया है, लिहाजा एक केंद्र की स्थापना की जाएगी। ताकि ऐसे बच्चों की न सिर्फ काउंसिलिंग की जा सके, बल्कि उन्हें उचित शैक्षिक वातावरण भी मिल सके। इसके अलावा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करूंगी। स्कूलों में नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी लोगों को एकजुट किया जाएगा।
गिरिबाला जुयाल, संस्थापक, मनुर्भव संस्था, देहरादून

बेहतर स्वास्थ्य के लिए लगाएंगे कैंप
दून में स्वास्थ्य सुविधाओं की चुनौती भी बढ़ रही है। मैं अपने स्तर पर प्रयास करूंगा कि विभिन्न शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य शिविर लगाऊं। ताकि बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी आधारभूत सुविधाएं मिल सकें। इसके लिए दैनिक जागरण व विभिन्न सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल एजुकेशन के रिफॉर्म के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। जब यह रिफॉर्म होगा तो हर वर्ग को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। बेशक आज समय के साथ आधुनिक चिकित्सा के दाम बढ़े हैं, लेकिन समाज के वंचित वर्ग के लोगों के हितों का ध्यान रखना सभी की जिम्मेदारी है।
-डॉ.जयंत नवानी, निदेशक, दून नर्सिंग होम, देहरादून


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