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माय सिटी माय प्राइड: बदलते परिवेश की मजबूरियां स्वीकार करें- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री के अनुसार सौंग बांध बनाने के लिए अफसर 350 दिन का समय मांग रहे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि समय पूरे 365 दिन का लो, लेकिन इसकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 07:38 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:38 AM (IST)
माय सिटी माय प्राइड: बदलते परिवेश की मजबूरियां स्वीकार करें- मुख्यमंत्री

जागरण संवाददाता, देहरादून: शहर में संसाधन सीमित हैं और दायरा लगातार बढ़ रहा है। घरों व वाहनों की संख्या बढ़ रही है और यातायात दबाव कई गुना बढ़ता जा रहा। शहर की चिंता बेहद जरूरी है, मगर हमें बदलते परिवेश की मजबूरियों को भी स्वीकार करना होगा। सिर्फ पीछे देखने से काम नहीं चलेगा, हमें विकल्प तलाशने होंगे। तभी हम शहर को एक बेहतर स्थिति में ला सकते हैं।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को दैनिक जागरण की पहल माय सिटी माय प्राइड महाभियान के तहत आयोजित फोरम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि दून को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार को प्रयास कर ही रहीं, प्रत्येक नागरिक को भी इसके लिए आगे आना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में पेयजल की समस्या दूर करने के मद्देनजर एक साल में सौंग बांध बनकर तैयार हो जाएगा। इसी के साथ सूर्यधार योजना पर भी काम चल रहा है। दून के 40 गांवों को ग्रेवेटी बेस्ड वॉटर सिस्टम के तहत पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री के अनुसार सौंग बांध बनाने के लिए अफसर 350 दिन का समय मांग रहे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि समय पूरे 365 दिन का लो, लेकिन इसकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। तीन वर्ष के अंदर रिस्पना में पानी बहने लगे, यह कोशिश की जा रही। जल्द ही शहर में सभी केबल को भूमिगत करने का काम शुरू होने जा रहा।

भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति और हाल ही में एनएच-74 मुआवजा घोटाले में दो आइएएस अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री ने नौकरशाही से लेकर अफसरशाही तक को संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार रोजगार देने के लिए सर्विस-सेक्टर पर फोकस कर रही है। इसलिए अक्टूबर में इन्वेस्टर मीट बुलाई गई है। इसमें 30 हजार करोड़ के एमओयू साइन हो चुके हैं।

छह माह में स्मार्ट दून को शुरू होंगे धरातलीय काम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दून को स्मार्ट बनाने के लिए विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जा रहा है। सड़कों से अतिक्रमण हटने के बाद सर्विस डक्ट बनाई जाएंगी और बिजली समेत अन्य लाइनों को भी इसी डक्ट में डाला जाएगा।

स्मार्ट सिटी परियोजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए 500 करोड़ रुपये केंद्र सरकार जारी करेगी और इतनी ही राशि राज्य सरकार के स्तर से खर्च की जाएगी। इसके तहत शहर के कोर एरिया में छह वार्ड पूरे व चार वार्ड आंशिक रूप से लिए गए थे।

हालांकि अब इसके तहत 16 वार्ड कवर किए जाएंगे। राज्य स्तर पर फंड जुटाने के लिए पीपीपी मोड में भी कई कार्य किए जाएंगे। छह माह के भीतर दून को स्मार्ट बनाने के लिए धरातल पर काम शुरू कर दिए जाएंगे। शहरी विकास मंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत ऑन स्ट्रीट पार्किंग, स्मार्ट पोल, स्मार्ट सिग्नल आदि की दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं।

ड्रेनेज के मास्टर प्लान को एडीबी से जुटाएंगे फंड
शहरी विकास मंत्री कौशिक ने कहा कि समय के साथ दून के ड्रेनेज के मास्टर प्लान की लागत करीब 12 सौ करोड़ रुपये पहुंच गई है। राज्य सरकार के पास वित्तीय संसाधन सीमित हैं। ऐसे में प्रयास किए जाएंगे कि एडीबी (एशियन डेवपलमेंट बैंक) की मदद से इस काम को आगे बढ़ाया जा सके।

शहरों के विकास को मिलेंगे 15 सौ करोड़
फोरम में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि शहरों का विकास करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए 15 सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा, जिसके तहत शहरों में विभिन्न सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

10 मंजिल से ऊपर जाना होगा
बढ़ती आबादी और जमीन की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दून में दोमंजिला इमारतें ही होती थी, अब दस मंजिला इमारतों की मंजूरी है। अब समय की जरूरत के हिसाब से हमें इससे ऊपर जाना पड़ेगा। तकनीकी विशेषज्ञों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे परीक्षण करें कि कितनी मंजिल बढ़ाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री से सवाल-जवाब

सवाल : केवल विहार कॉलोनी में कूड़े का पृथक्करण घरों में ही किया जा रहा है। नगर निगम यह कब शुरू करेगा।- आशीष गर्ग, केवल विहार कॉलोनी
जवाब : केवल विहार कॉलोनी के लोग घर के कूड़े का पृथक्करण कर रहे हैं, यह स्वागत योग्य पहल है। नगर निगम दून नवंबर से घर-घर से पृथक किए गए कूड़े को उठाने की व्यवस्था शुरू कर देगा।

सवाल : सड़कों की गुणवत्ता ताक पर है, निर्माण के बाद भी सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। ऐसी जिम्मेदार संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए। - एपी जुयाल, सेवानिवृत्त अभियंता, लोनिवि
जवाब : कार्य में निम्न गुणवत्ता को देखते हुए प्रदेश की एक नामी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। घटिया सड़क निर्माण की शिकायत पर अन्य कार्यदायी कंपनियों की जांच चल रही है। गुणवत्ता से सरकार कोई समझौता नहीं करेगी।

सवाल: शहर में एलइडी लाइटें एवं अमृत योजना से जुड़ी निजी कंपनियों का कार्य बेहद घटिया है।- महेश्वर बहुगुणा, कारगी चौक
जवाब : यदि लोगों को लगता है कि कंपनी किसी क्षेत्र में निम्न गुणवत्ता और सुस्त गति से कार्य कर रही है तो इसकी जानकारी संबंधित विभाग को दें। सरकार कार्रवाई करेगी।

सवाल: सरकार स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं दे रही है। - अनूप पंत, केंद्रीय प्रवक्ता उक्रांद-डी
जवाब : सरकार की स्वरोजगार योजनाओं का युवाओं को लाभ उठना चाहिए। पर्यटन को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। चीड़ की पत्ती (पीरूल) से बिजली पैदा हो सकती है। यही नहीं डीजल, तारकोल एवं अन्य बायोमॉस भी इससे तैयार किया जा सकता है। पीरूल नीति के तहत प्रदेश के 50 हजार युवाओं को रोजगार मिल सकता है।

सवाल : दून में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुधारने की दिशा में सरकार क्या कर रही है। - अंकुर चंद्रकांत, नेहरू कॉलोनी, साइबर विशेषज्ञ
जवाब : रिलायंस कंपनी के प्रमुख मुकेश अंबानी से अभी हाल में ही मुलाकात हुई थी। अंबानी ने सुझाव दिया कि यदि सरकार विद्युत पोलों पर रिलायंस की ओएफसी लाइन बिछाने की अनुमति देती है तो पांच से छह माह में पूरे प्रदेश में रिलायंस की और बेहतर सेवा उपलब्ध होगी। इसके लिए प्रदेश सरकार रिलायंस कंपनी का सहयोग करेगी।

सवाल : भविष्य में दून में हर्बल गार्डन स्थापित करने की कोई योजना है। - डॉ. आदित्य कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष राज्य औषधीय पादप बोर्ड
जवाब: हर्बल गार्डन एक बेहतर चिकित्सा पद्धति है। सिंगापुर एवं थाईलैंड दौरे के दौरान वहां विकसित किए गए हर्बल गार्डन एवं नेचुरोपैथी को मैंने करीब से जाना। यहां भी सरकार नेचुरोपैथी को विकसित करने के लिए कार्य कर रही है।

सवाल: आइएसबीटी के समीप सड़क की बदहाली पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।- कर्नल हीरामणि बड़थ्वाल, मुख्य संरक्षक, गढ़वाल भ्रातृ मंडल संस्था क्लेमेनटाउन
जवाब : आइएसबीटी हरिद्वार बाईपास पर निर्माणधीन फ्लाईओवर का काम चल रहा है। इसके कार्य पूरा होते ही आइएसबीटी के समीप की सभी सड़कें दुरुस्त करा दी जाएंगी।

सवाल: देहरादून में सांस्कृतिक केंद्र भवन कब तक बनेगा। - डॉ. अतुल शर्मा, 'जनकवि',
जवाब : सरकार दून में संस्कृति ग्राम स्थापित करना चाहती है, जिससे राज्य की कला व संस्कृति को संरक्षित किया जाए। भूमि की तलाश की जा रही है।

सवाल: प्रदेश में कृषि क्षेत्र में निवेश की अच्छी संभावना है। सरकार इस दिशा में क्या प्रयास कर रही है। - जीतेंद्र डंडोना, एसबीआइ के निवेश सलाहकार
जवाब : कृषि को बढ़ावा देने के लिए अदानी ग्रुप प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये निवेश करने का तैयार है। राज्य सरकार कृषि को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर कार्य कर रही है।

सवाल : अतिक्रमण हटाने के बाद दून की सड़कें चौड़ी हुई हैं, लेकिन जाम की समस्या जस की तस है। - दिनेश भंडारी, महासचिव, मॉडल कॉलोनी वेलफेयर सोसाइटी, आराघर
जवाब : सरकार अतिक्रमण की पक्षधर कभी नहीं रही। अतिक्रमण हटेगा तो सड़कें खुद बेहतर हो जाएंगी और जाम से भी निजात मिलेगी।

सवाल: अक्टूबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट से प्रदेश के लोगों को किस प्रकार का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।- जगमोहन मेंदीरत्ता, संयोजक यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स
जवाब : इन्वेस्टर समिट में जापान, सिंगापुर सहित तमाम देश उत्तराखंड आ रहे हैं और निवेश के इच्छुक हैं। सरकार उन्हें बेहतर सुविधाएं देगी ताकि उद्योग यहां स्थापित हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार मिले सकें।


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