करवाचौथ का त्योहार: छलनी की ओट में सजनी ने किया सजना का दीदार
करवाचौथ के त्योहार पर मंदिर में पुजारियों ने महिलाओं को कथा सुनाई। जिसके बाद चांद निकलने पर महिलाओं ने चांद का दीदार किया और अघ्र्य देकर अपना व्रत खोला।
देहरादून, जेएनएन। करवाचौथ के त्योहार पर दून के विभिन्न मंदिरों में सुहागिनों की भीड़ देखने को मिली। शाम चार बजे से ही मंदिरों में आवाजाही शुरु हो गई। मंदिर में पुजारियों ने महिलाओं को कथा सुनाई। जिसके बाद चांद निकलने पर महिलाओं ने चांद का दीदार किया और अघ्र्य देकर अपना व्रत खोला। इस दौरान सभी महिलाओं ने पति की दीर्घ आयु की कामना की और आपस में थालियां बंटाई। जबकि कुछ महिलाओं ने समूह में तो कुछ महिलाओं ने अपने घर की महिलाओं के साथ घर की छत पर चांद का दीदार किया।
श्याम सुंदर मंदिर पटेल नगर के पुजारी पंडित मगनानंद ने बताया कि करवाचौथ की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर पहुंची। जिन्होंने भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना की। मंदिर में आई मोनिका शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख समृद्धि के लिए व्रत रखा है। इसके अलावा स्त्री कल्याण कॉलोनी इन्दर रोड डालनवाला में महिलाओं ने कथा सुनी और जमकर डांस किया।
वीडियों काल पर किया पति का दीदार
चंद्राबनी निवासी दिप्ती नेगी ने दुबई में कार्यरत पति का वीडियो कॉल पर दीदार करके व्रत खोला। दिप्ती नेगी ने बताया कि वह अपने पति क दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। फिर चाहे देश में रहे विदेश में। उन्होंने बताया कि उनके पति को उनकी ट्रडिशनल गढ़वाली लुक में सजे हुए देखकर बहुत अच्छा लगता है। इसलिए इस करवाचौथ पर उन्होंने गढ़वाली लुक में तैयार होकर वीडियो कॉल की और उन्हे सरप्राइज दिया।
प्रसाद में सरगी खाकर की व्रत की शुरुआत
करवाचौथ में सरगी का विशेष महत्व रहता है। क्योंकि हर सुहागिन के व्रत की शुरुआत ही सरगी से होती है। जो उसकी सास द्वारा उसे प्रसाद के रुप में दी जाती है। डालनवाला निवासी नेहा ने बताया कि इस विशेष त्योहार पर उनका सास ने उनके लिए विशेष व्यंजन बनवाए थे। वहीं टीएचडीसी कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 55 स्थित घर में शाम को महिलाओं ने रंगारंग प्रस्तुतियां देकर समा बांध दिया। नवविवाहिता श्वेता ने अपनी पति प्रवीण गुप्ता के साथ जमकर डांस किया।
झंकार अकाद्मी में महिलाओं ने कथा सुनकर किया डांस
निरंजनपुर स्थित झंकार अकादमी में महिलाएं नए परिधानो में दुल्हन की तरह सजकर कथा सुनने पहुंची। कथा सुनने के बाद सबने जमकर डांस किया। इस दौरान पल्लवी ने सभी महिलाओं को कथा सुनाई और आपस में थालियों का आदान प्रदान किया।
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मन की आंखो से किया पति का दीदार
भगवान ने भले ही आंखे छीन ली हो लेकिन फिर भी दृष्टिबाधित महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा। एनएचआईवी निवासी रीना ने बताया कि अपने चांद जैसे हमसफर को देखने के लिए आंखों की आवश्यकता नहीं। वह मन की आंखों से ही अपने पति का दीदार कर लेती है। उन्होंने बताया कि उनकी शादी हुए पांच साल हो गए है। करवाचौथ का व्रत खुलवाते समय उनके परिवार वाले पूजा करने में उन्हें गाइड करते है। वहीं उनके पति भूपेंद्र ने बताया कि वह वैष्णों देवी जाकर आते है लेकिन कभी मां को देख नहीं पाते। केवल मन की आंखों से ही मां को स्पर्श करके महसूस कर सकते है। तो कल्पना करके चांद को क्यों नहीं देख सकते।
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