Move to Jagran APP

कहां गया 30 डिग्री के ढाल पर प्रतिबंध का नियम, शिकायत मिलने पर कार्रवाई के साथ एमडीडीए को फील्ड स्टाफ को करना होगा सक्रिय

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने वर्ष 2015 में अपने बिल्डिंग बायलाज में प्रविधान किया था कि 30 डिग्री व इससे अधिक ढाल पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि इस नियम का पालन कराने में एमडीडीए के अधिकारी सुस्त बने रहे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 31 Jul 2022 07:54 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2022 07:54 AM (IST)
कहां गया 30 डिग्री के ढाल पर प्रतिबंध का नियम, शिकायत मिलने पर कार्रवाई के साथ एमडीडीए को फील्ड स्टाफ को करना होगा सक्रिय
इस नियम का पालन कराने में एमडीडीए के अधिकारी सुस्त बने रहे।

सुमन सेमवाल, देहरादून: कैनाल रोड पर पहाड़ी को काटकर अवैध प्लाटिंग करने का प्रकरण कई सवाल खड़े कर गया है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील व अति संवेदनशील जोन में आने वाली दूनघाटी में पहाड़ी काटकर ढलान को समतल करना क्या सुरक्षित है। कितने क्षेत्रों में भूमाफिया व प्रापर्टी डीलर पहाड़ को समतल करने का काम कर रहे हैं। क्या कैनाल रोड के प्रकरण में कार्मिकों को निलंबित करने के बाद सब कुछ ठीक हो गया है।

loksabha election banner

नियम का पालन कराने में एमडीडीए के अधिकारी बने रहे सुस्त

इन तमाम सवालों का समाधान अधिकारियों के पास पहले से मौजूद था। नहीं था तो कार्रवाई का साहस। क्योंकि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने वर्ष 2015 में अपने बिल्डिंग बायलाज में प्रविधान किया था कि 30 डिग्री व इससे अधिक ढाल पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, इस नियम का पालन कराने में एमडीडीए के अधिकारी सुस्त बने रहे। यही कारण है कि तमाम तीव्र ढाल वाले क्षेत्रों को समतल कर मैदान बना दिया गया और भवन भी खड़े किए गए।

कैनाल रोड के मामले में भी अनदेखी भारी पड़ी

नक्शा पास करते समय एमडीडीए के अधिकारियों ने कभी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि जिस समतल या कम ढाल वाले स्थल पर नक्शा पास किया जा रहा है, उसका मूल स्वरूप क्या था। कैनाल रोड के मामले में भी यही अनदेखी भारी पड़ी। एमडीडीए अधिकारी तब हरकत में आए जब पहाड़ी को काटकर समतल कर दिया गया। यह कार्रवाई भी तब की गई, जब इस मामले में विभिन्न स्तर पर शिकायत की गई। यदि शिकायत नहीं की जाती तो क्या एमडीडीए की मशीनरी अवैध प्लांटिंग का संज्ञान स्वयं ले पाती? या फिर कैनाल रोड के प्रकरण से सीख लेकर क्या अधिकारी अन्य प्रकरणों की खोज खबर करेंगे?

जनता की सुरक्षा पर अनदेखी खतरनाक

दूनघाटी की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां फुटहिल क्षेत्र (जहां पहाड़ व मैदान मिलते हैं) भी घिषित किए गए हैं। यहां दून के अन्य क्षेत्रों में भवनों की अधिकतम ऊंचाई 30 मीटर को घटाकर अधिकतम 21 मीटर किया गया है। गंभीर बात यह है कि अधिकारी भवन निर्माण में सिर्फ अधिकतम ऊंचाई के मानक को देख रहे हैं या नहीं। जिन फुटहिल क्षेत्रों में भवन खड़े हो रहे हैं, वहां जमीन की क्षमता कैसी है या उसके ढाल के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है।

शिकायत या हाईकोर्ट के आदेश पर ही सक्रियता क्यों

एमडीडीए अधिकारी तब ही नींद से जागते हैं, जब किसी मामले में शिकायत की जाए या हाईकोर्ट कोई आदेश जारी कर दे। मई 2021 में भी एमडीडीए नींद से तब जागा जब रेनू पाल बनाम उत्तराखंड सरकार मामले में कोर्ट ने ढालदार क्षेत्रों में निर्माण का संज्ञान लिया। इसके बाद एमडीडीए ने नक्शा पास करने वाले व्यक्तियों से कंटूर मैप (ऊंचाई वाले स्थलों का माप) भी मांगे। हालांकि, इस तरह की व्यवस्था एमडीडीए के मास्टर प्लान में पहले से होनी चाहिए थी, ताकि यह पहले से ही तह हो सके कि किन क्षेत्रों में ढाल कितना तीव्र है। क्योंकि पहाड़ को काटकर समतल करने के बाद कंटूर मैप दाखिल कर दिया जाए तो अधिकारी कुछ नहीं कर पाएंगे।

अधूरे निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करवाएं अधिकारी, जिला पंचायत बैठक से गायब रहने वाले विभागों को जारी होंगे नोटिस

प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी नहीं जागा एमडीडीए

कैनाल रोड के मामले में प्रशासन ने भूमि के समतलीकरण की अनुमति जारी की थी, लेकिन जब तत्कालीन जिलाधिकारी डा आर राजेश कुमार को पता चला कि मिट्टी का कटान तय सीमा से अधिक किया जा रहा है तो उन्होंने तत्काल प्रकरण की जांच कराई। जिसके बाद निर्माण कार्य पर रोक लगाकर करीब 68 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया। यहां अवैध प्लाटिंग के लिए समतलीकरण किया जा रहा था, लेकिन एमडीडीए की फील्ड टीम ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। जब प्रकरण में शिकायत बढ़ने लगी, तब उपाध्यक्ष बीके संत ने कार्रवाई की।

उपाध्यक्ष को गलत जानकारी दे रहे कार्मिक

एमडीडीए उपाध्यक्ष बीके संत ने कार्यभार ग्रहण करते ही अवैध प्लांटिंग पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे। वह अवैध प्लांटिंग की विभिन्न शिकायतों का भी संज्ञान ले रहे थे। इस दौरान अवैध प्लांटिंग के तमाम प्रकरण में कार्रवाई भी की गई। वहीं, कई मामलों की जानकारी उपाध्यक्ष को दी ही नहीं गई या गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई। कैनाल रोड के मामले में भी फील्ड स्टाफ ने कुछ ऐसा ही किया।

Uttarakhand Weather Update: उत्‍तराखंड में आज ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.