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मेजर चित्रेश ने एल्युमिनाई मीट में दोस्तों को दिया था शादी का न्योता

मेजर चित्रेश के घर पहुंचे स्कूलिंग के दोस्तों ने कहा कि 15 दिसंबर को सेंट जोजफ्स की एल्युमिनाई मीट में हर दोस्त से मिले और शादी में जरूर शामिल होने का न्योता दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:42 AM (IST)
मेजर चित्रेश ने एल्युमिनाई मीट में दोस्तों को दिया था शादी का न्योता
मेजर चित्रेश ने एल्युमिनाई मीट में दोस्तों को दिया था शादी का न्योता

देहरादून, जेएनएन। दून के लाडले मेजर चित्रेश की शहादत पर परिजनों के साथ दोस्त भी गमजदा हैं। मेजर चित्रेश के घर पहुंचे स्कूलिंग के दोस्तों ने पुरानी यादें ताजा कर कहा कि गंभीर, सरल, सौम्य स्वभाव चित्रेश की पहचान थी। पढ़ाई से लेकर खेल में भी हमेशा आगे रहते थे। 15 दिसंबर को सेंट जोजफ्स की एल्युमिनाई मीट में हर दोस्त से मिले और शादी में जरूर शामिल होने का न्योता दिया।

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ओल्ड नेहरू कॉलोनी स्थित मेजर चित्रेश बिष्ट के घर जुटी भीड़ में कुछ युवाओं के चेहरे की उदासी अपने को खोने का दर्द बयां कर रही थी। उनके करीब जाने पर पता चला कि सब चित्रेश के स्कूलिंग के दोस्त हैं। दोस्तों से चित्रेश के बारे में जैसे ही सवाल किया तो नम आंखों से बचपन की यादें ताजा करने लगे। राजेंद्रनगर में रहने वाले प्रणव ने कहा कि चित्रेश मिलनसार, गंभीर और सौम्य स्वभाव के थे। कभी भी उनका किसी भी दोस्त से मनमुटाव नहीं रहा। हमेशा सरल भाव से दोस्तों से मिलते थे। बलवीर रोड के राहुल सिंह, राजेंद्र, डालनवाला के राहुल शर्मा, सहस्रधारा के अवेग कुमार, रायपुर के प्रीतेश आदि दोस्तों ने कहा कि चित्रेश जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं। दोस्त इतनी जल्दी बिछुड़ जाएगा, कभी नहीं सोचा। स्कूल से लेकर छुट्टियों में हॉकी, क्रिकेट आदि खेलों को लेकर भी दोस्तों ने पुरानी यादें बयां की।

शिक्षिका पहुंची घर 

सेंट जोजफ्स ऐकेडमी की शिक्षिका सोनाली सिन्हा भी शहीद के घर सांत्वना देने पहुंची। सोनाली ने कहा कि क्लास में अनुशासित छात्रों में चित्रेश पहले नंबर पर थे। क्लास में जो सवाल पूछा जाता था, उसका जवाब शालीनता से देते थे। कभी भी कोई शिकायत नहीं मिली। चित्रेश जैसे छात्र स्कूलों में उदाहरण हुआ करते हैं।

एक पखवाड़े में दो दोस्तों ने कहा अलविदा 

पायलट सिद्धार्थ नेगी के शहीद होने के 15 दिन बाद मेजर चित्रेश की शहादत से दून गमगीन है। दोनों पुलिस परिवार से नाता रखते थे। सिद्धार्थ के पिता बलीवर सिंह नेगी और चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट कुछ साल पहले ही पुलिस से सेवानिवृत्त हुए थे। दोनों का परिवार आपस में एक-दूसरे के करीब था। सिद्धार्थ और चित्रेश के बीच भी गहरी दोस्ती थी। सिद्धार्थ 2005 में तो चित्रेश 2006 में एनडीए के जरिए सेना में गए।

यूके से दून पहुंचा भाई, परिजनों को संभाला 

मेजर चित्रेश बिष्ट के बड़े भाई नीरज बिष्ट रविवार दोहपर को दून पहुंच गए। नीरज ब्रिटेन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह पत्नी आवंतिका समेत वहीं सेटल हो गए हैं। मेजर चित्रेश की शादी के लिए वह दो फरवरी को दून आए थे। यहां शादी की खरीदारी करने के बाद 10 फरवरी को यूके लौट गए थे। उनकी पत्नी भी वोडाफोन में मैनेजर हैं। शनिवार को भाई के शहीद होने की खबर पर वह रात साढ़े आठ बजे चले। 11 बजे दिल्ली पहुंचने के बाद वह दोपहर को दून पहुंचे। नीरज के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पिता एसएस बिष्ट ने बेटे को गले लगाया। नीरज भी हादसे से सदमे में हैं। वह कुछ देर तक तो परिजनों से बात करने की स्थिति में भी नहीं दिखे। बाद में दोस्तों ने नीरज को संभाला।

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