Move to Jagran APP

Haridwar Kumbh 2021 स्नान, दान व ध्यान का पर्व माघ पूर्णिमा शनिवार को

Haridwar Kumbh 2021 स्नान दान व ध्यान का पर्व माघ पूर्णिमा कल यानी शनिवार को मनाई जाएगी। माघ महीने की पूर्णिमा तिथि आज दोपहर तीन बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है जो शनिवार दोपहर एक बजकर 46 मिनट तक रहेगी। सुख धन संतान के लिए लोग व्रत रखेंगे।

By Ritika KumariEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 05:54 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021 स्नान, दान व ध्यान का पर्व माघ पूर्णिमा शनिवार को
पूर्णिमा तिथि शुक्रवार तीन बजकर 49 मिनट से शनिवार दोपहर एक बजकर 46 मिनट तक रहेगी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Haridwar Kumbh 2021 स्नान, दान व ध्यान का पर्व माघ पूर्णिमा कल यानी शनिवार को मनाई जाएगी। माघ महीने की पूर्णिमा तिथि शुक्रवार तीन बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है जो शनिवार दोपहर एक बजकर 46 मिनट तक रहेगी। सुख, सौभाग्य, धन, संतान के लिए लोग व्रत रखेंगे। 

loksabha election banner

हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है। इस तिथि के साथ नए माह की शुरुआत होती है। हिंदु धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आचार्य डॉ. सुशांत राज के अनुसार वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं।  जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके अलावा चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और व्रत का खास महत्व होता है। नदी में स्नान करने, दान, पुण्य करने का विधान है। मान्यता के अनुसार इस दिन जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य मिलता है। 

माघ पूर्णिमा व्रत विधि 

सुबह उठकर व्रत का संकल्प लेकर पवित्र नदी में स्नान करें। यदि किसी कारण नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अघ्र्य दें। पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण या विष्णु की पूजा करें। इस व्रत में काले तिल व अन्य सामान दान कर पुण्य के भागीदार बन सकते हैं। 

यह भी पढ़ें- धारावाहिक बैरिस्टर बाबू की बोंदिता पहुंचीं देहरादून, कहा बाल विवाह के खिलाफ समाज को जागरूक करना जरूरी

सोलह कलाओं से शोभायमान होंगे चंद्रमा

मान्यता के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा के दिन से ही कलयुग की शुरुआत हुई थी। संगम तट पर महीनेभर से चल रहे कल्पवास की भी पूर्णता इसी खास दिन पर होती है। इस दिन चंद्रमा भी अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होते हैं। मान्यता के अनुसार पूर्ण चंद्रमा धरती पर अमृत वर्षा करते हैं, जिसका अंश नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों पर पड़ता है जिससे उनको नवजीवन की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें-क्रिटिक च्वाइस अवॉर्ड से नवाजे गए दून के सुमित, लिखी इस फेमस वेब सीरीज की पटकथा और संवाद

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.