Conference of Presiding Officers निर्णय ऐसा लें, जिस पर सवाल न उठें: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दल बदल कानून और अध्यक्ष की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि अध्यक्षीय पद को जनता जिस सम्मान से देखती है निर्णय भी उसी के अनुरूप होने चाहिए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। संसदीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के संकल्प के साथ देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन गुरुवार को संपन्न हो गया। समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दल बदल कानून और अध्यक्ष की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि अध्यक्षीय पद को जनता जिस सम्मान से देखती है, निर्णय भी उसी के अनुरूप होने चाहिए। यदि जनता की चुनी गई संस्थाओं यानी लोकतंत्र के मंदिरों और अध्यक्षों के फैसलों पर न्यायालय टिप्पणी करने लगे, तो यह चिंता की बात है। लिहाजा, अध्यक्षीय निर्णय संविधान सम्मत और ऐसे हों, जिन पर कोई सवाल न उठ सकें।
समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में दल बदल कानून और अध्यक्ष की भूमिका पर गहनता से मंथन हुआ है। एक कमेटी के गठन का निर्णय भी लिया गया है। यह कमेटी संविधान में क्या संशोधन हो सकते हैं या विधायी निकायों के नियमों में क्या परिवर्तन हो सकते हैं, इस पर सुझाव देगी। फिर इसके आधार पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले समय में निष्पक्ष और निर्विवाद निर्णय होंगे और इसमें हम लोकतंत्र की मर्यादा व प्रतिष्ठा को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन में संसदीय लोकतंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनने को लेकर विमर्श हुआ। पीठासीन अधिकारियों ने खुलकर अपनी बात रखी। सम्मेलन में सदन में व्यवधान रोकने को कठोर नियम बनाने समेत कई निर्णय लिए गए। देहरादून में हुआ यह सम्मेलन लोकतंत्र के सशक्तीकरण को नई दिशा देगा। यहां हुई सारगर्भित चर्चा के सार्थक परिणाम आएंगे।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सदन का एक-एक पल जनता को समर्पित होता है। ऐसे में सदन का समय शोरशराबे और व्यवधान के कारण बर्बाद होता है तो यह जनता के प्रति एक तरह का अन्याय है। सदन में सार्थक बहस और चर्चा होनी चाहिए। कार्यपालिका विधायिका के प्रति जिम्मेदारी को समझे, लोकतंत्र के अस्तित्व को यह जरूरी है।
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उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ों की मजबूती को इस सम्मेलन के निष्कर्ष मील का पत्थर साबित होंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने लोस अध्यक्ष बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरवंश समेत सम्मेलन में भाग लेने आए पीठासीन अधिकारियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।
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