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Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड में वित्तीय संसाधनों की कमी, डीए और एरियर भुगतान पर पड़ेगा असर

कोरोना से लड़ रही सरकार की चुनौती राज्य में वेतन और पेंशन भुगतान की है।लॉकडाउन लंबा खिंचने पर कर्मचारियों की वेतनवृद्धि महंगाई भत्ते की वृद्धि के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेेेेगा।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 12:17 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 09:55 PM (IST)
Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड में वित्तीय संसाधनों की कमी, डीए और एरियर भुगतान पर पड़ेगा असर
Uttarakhand lockdown: उत्तराखंड में वित्तीय संसाधनों की कमी, डीए और एरियर भुगतान पर पड़ेगा असर

राज्य ब्यूरो, देहरादून : कोविड-19 महामारी को रोकने की जंग में सरकार कई मोचोर्ं पर चुनौती से जूझ रही है। ऐसी ही एक चुनौती राज्य में वेतन और पेंशन भुगतान की है। महामारी से आर्थिक संसाधनों पर पड़ रही चोट के बावजूद सरकार वेतन, भत्तों या पेंशन के भुगतान में दिक्कत नहीं आने देना चाहती है। 

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लॉकडाउन के असर से राजस्व प्राप्तियां तकरीबन ठप हैं। लॉकडाउन का दौर लंबा हुआ तो आने वाले समय में महंगाई भत्ते में वृद्धि और एरियर पाने के लिए कर्मचारियों को भी निर्धारित से ज्यादा इंतजार करने की नौबत आ सकती है। 

कोरोना महामारी से बचने के उपायों पर मौजूदा वित्तीय संसाधनों को झोंकने और नई आर्थिक गतिविधियां बंद हैं। इस वजह से केंद्र सरकार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों समेत सांसदों के वेतन में कटौती की घोषणा कर चुकी है। केंद्र के पास संसाधनों की कमी का सीधा असर उत्तराखंड राज्य पर भी पड़ना तय है। 

हालांकि कोशिश यह की जा रही है कि राज्य को वित्तीय संकट से बचाया जाए। मार्च में राज्य में राजस्व वसूली को बड़ा झटका लगा है। इस लिहाज से नए वित्तीय वर्ष के पहले महीने में ही हालात और खराब हो गए हैं। कर्मचारियों के मार्च के वेतन भुगतान और जरूरी खचोर्ं के लिए राज्य सरकार बाजार से 1000 करोड़ रुपये कर्ज उठाने को विवश हुई। मार्च के वेतन का भुगतान भी लंबा खिंचकर चालू महीने के दूसरे पखवाड़े तक जाने के आसार हैं। 

वाहन कर में कमी, पेट्रोल, डीजल से होने वाली आमदनी में कमी और अन्य मदों में राजस्व वसूली गिरने से राज्य सरकार को अपने खचोर्ं में कटौती को मजबूर होना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में सरकारी खजाने को करीब तीन से चार हजार करोड़ के संकट से जूझना होगा। 

वित्तीय वित्तीय संकट केंद्र सरकार के सामने भी है, ऐसे में राज्य को मिलने वाली केंद्रीय मदद भी प्रभावित होने का अंदेशा है। लॉकडाउन लंबा खिंचने पर राज्य के कर्मचारियों की वेतनवृद्धि, महंगाई भत्ते की वृद्धि के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। 

सूत्रों के अनुसार वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते राज्य के सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियों को साल में दो बार वेतनवृद्धि का लाभ मिलता है। जनवरी और जून में महंगाई भत्ते में होने वाली वृद्धि तय समय पर शायद ही हो पाए। 

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साथ ही एरियर या अन्य मदों के रूप में अतिरिक्त भुगतान को लेकर भी इंतजार बढ़ सकता है। इस संबंध में वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि वित्तीय संसाधनों में कमी आई है, लेकिन अभी फिलहाल किसी तरह की कटौती नहीं होने जा रही है।

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