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उत्‍तराखंड में लॉकडाउन की चुनौतियों के बीच नियंत्रण में हालात

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच लॉकडाउन को उत्तराखंड में एक माह का समय बीत चुका है। सरकार ने कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता पाई है।

By Edited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 10:36 AM (IST)
उत्‍तराखंड में लॉकडाउन की चुनौतियों के बीच नियंत्रण में हालात
उत्‍तराखंड में लॉकडाउन की चुनौतियों के बीच नियंत्रण में हालात

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच लॉकडाउन को उत्तराखंड में एक माह का समय बीत चुका है। इस अवधि में सरकार ने कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता पाई है। हालांकि, एक समय तब्लीगी जमात के कारण स्थिति बिगड़ती नजर आ रही थी। यहां तक कि राज्य के एक जिले को ऑरेंज जोन से निकालकर ग्रीन जोन में लाने में भी कामयाबी मिली। सरकार द्वारा समय से उठाए गए कदमों ने हालात काबू में रखे। 

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उत्तराखंड में 14 मार्च को कोरोना को महामारी घोषित किया गया। इसके बाद देश में सबसे पहले 22 मार्च को प्रदेश में लॉकडाउन घोषित किया गया। हालांकि, इससे पहले सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को छोड़ शेष सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी। सरकार ने एक टॉस्क फोर्स का भी गठन किया। प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए सुबह सात से दस बजे तक दुकानें खोलने के साथ ही राशनकार्ड धारकों को तीन माह का राशन देने का निर्णय लिया गया।

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे कार्मिकों को बीमा सुरक्षा कवच दिया गया। जरूरतमंदों को सरकार की ओर से मुफ्त राशन देने की भी पहल की गई। इस दौरान प्रदेश में कोरोना काफी हद तक काबू में रहा और केवल सात मरीज सामने आए। मार्च अंत और अप्रैल के पहले सप्ताह में तब्लीगी जमातियों के कारण कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से उछाल ने सरकार की पेशानी पर बल डाल दिए। सामाजिक संक्रमण फैलने का अंदेशा बढ़ने लगा।

ऐसे में सरकार ने सख्ती से कदम उठाते हुए क्षेत्रों को सील कर अभियान चलाया। लोगों को संस्थागत व होम क्वारंटाइन किया गया। नतीजतन, कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश में अब तक 47 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें से 24 स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश को तीन जोन रेड, ऑरेंज और ग्रीन में बांटा गया है। 

किसी भी जोन में 28 दिनों तक मामला सामने न आने के बाद इसे कोरोना फ्री घोषित करते हुए ग्रीन जोन में लाया जाता है। पौड़ी ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला जिला बना। प्रदेश में अभी भी देहरादून, हरिद्वार व नैनीताल जिले रेड जोन में हैं। ऊधमसिंह नगर व अल्मोड़ा ऑरेंज जोन और शेष जिले ग्रीन जोन में हैं। 

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कब क्या हुआ 

  • 22 मार्च- प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की। 
  • 24 मार्च- सुबह सात से दस बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोलने के निर्देश, लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 
  • 26 मार्च- दुकानों के खुलने का समय एक बजे तक बढ़ाया गया। 
  • एक अप्रैल- जमातियों पर सख्ती शुरू, मुकदमें किए गए दर्ज। 
  • पांच अप्रैल- जमातियों को सामने आने का अंतिम अल्टीमेटम। 
  • आठ अप्रैल- लॉकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाने को केंद्र से सिफारिश। 
  • नौ अप्रैल- कोरोना योद्धाओं को 10 लाख का सुरक्षा कवच। 
  • 14 अप्रैल- तीन मई तक बढ़ाई गई लॉकडाउन की समय सीमा। 
  • 15 अप्रैल- प्रदेश को रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन में बांटा गया। 
  • 17 अप्रैल- सचिवालय व विधानसभा खोलने का निर्णय 
  • 19 अप्रैल- निर्णय पर रोल बैक, सभी कार्यालय तीन मई तक बंद रखने का निर्णय।

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