Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड के छह जिलों में आज भारी बारिश की चेतावनी
Uttarakhand Weather Update मौसम विभाग के अनुसार आज प्रदेश के छह जिलों देहरादून पौड़ी चमोली नैनीताल बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश हो सकती है।
देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से सुस्त पड़ा बारिश का सिलसिला तेज होने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश के छह जिलों देहरादून, पौड़ी, चमोली, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश हो सकती है। इधर, बुधवार शाम से ही अधिकतर जिलों में बादलों ने डेरा डाल लिया। गंगोत्री, यमुनोत्री समेत कई अन्य इलाकों में झमाझम बारिश भी हुई।
मसूरी-देहरादून मार्ग पर फिर शुरू हुआ भूस्खलन, यातायात बाधित
मसूरी देहरादून हाइवे भूस्खलन से ग्लोगी पॉवर हाउस के ऊपर यातायात के लिए फिर बंद हो गया है। लोनिवि के अवर अभियंता पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि देर रात से पहाड़ी से लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं।
पिछले चार दिन से मानसून की सक्रियता कम होने से उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला थमा हुआ था। जिससे भूस्खलन और सड़कों पर मलबा आने का क्रम भी कुछ कम हुआ। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत सभी प्रमुख मार्गों पर आवाजाही हो रही है। वहीं मौसम के करवट बदलने के बाद पर्वतीय क्षेत्रों में देर शाम झमाझम बारिश हुई। जिससे दिनभर हो रही उमस से भी राहत मिली। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, गुरुवार प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ेगी। इस दौरान छह जिलों में भारी बारिश के दो से तीन दौर हो सकते हैं।
चार दिन कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मानसून सीजन में सामान्य से 12 फीसद कम बारिश हुई है। सितंबर के पहले सप्ताह में भी बारिश कम रहने का अनुमान है। हालांकि, गुरुवार से अगले चार दिन प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
कालसी चकराता मोटर मार्ग पर बारिश के कारण जजरेड के पास मार्ग बंद
विकासनगर के कालसी चकराता मोटर मार्ग पर भारी बारिश के कारण जजरेड के पास मार्ग बन्द हो गया। गुरुवार करीब 12 बजे भारी मलबा आने पर बाधित मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। भारी बारिश से जजरेड मे पहाड़ से मलबा पत्थर गिर रहा है। कालसी चकराता मोटर मार्ग के जजरेड के पास पास भूस्खलन रोकने का कोई समाधान नहीं हो पाया। लोनिवि साहिया हर साल मलबा साफ करने मे करोडों रूपये खर्च करता है फिर भी समस्या ज्यों की त्यों है।
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