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थराली में होगा भाजपा की पूर्वोत्तर रणनीति का लिटमस टेस्ट

पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव रणनीति का उत्तराखंड में थराली सीट के उपचुनाव में लिटमस टैस्ट होने जा रहा है। इस रणनीति को भाजपा उत्तराखंड में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल करने जा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 12 May 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 05:09 PM (IST)
थराली में होगा भाजपा की पूर्वोत्तर रणनीति का लिटमस टेस्ट
थराली में होगा भाजपा की पूर्वोत्तर रणनीति का लिटमस टेस्ट

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: पूर्वोत्तर राज्यों, विशेषकर त्रिपुरा में भाजपा की जीत का एक्स फैक्टर निभाने वाले पन्ना प्रमुखों की रणनीति का उत्तराखंड में विधानसभा की थराली सीट के उपचुनाव में लिटमस टेस्ट होने जा रहा है। पार्टी सूत्रों की मानें तो थराली विधानसभा क्षेत्र में भी बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों की तैनाती की जा रही है। एक पन्ना प्रमुख पर 50-60 वोटरों की जिम्मेदारी होगी। 

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विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा पहली बार इस उपचुनाव के जरिये जनता की अदालत में है। इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के लिए यह चुनाव उसकी प्रतिष्ठा से जुड़ा है। साथ ही इसे राज्य सरकार के एक साल के कामकाज को जनता की कसौटी पर खरा उतरने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। 

हालांकि, थराली की जंग शुरू होने से पहले पार्टी नेतृत्व को दो नेताओं के बागी तेवरों से भी दो-चार होना पड़ा। फिलवक्त पार्टी इस असंतोष को टालने में सफल रही हो, लेकिन चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। हालांकि थराली विधानसभा सीट का उपचुनाव महज एक सीट का ही चुनाव है लेकिन तमाम कारणों से इसकी अहमियत खासी बढ़ गई है। 

पार्टी पिछले कुछ समय के दौरान अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनावों में अख्तियार की गई रणनीति को अब अन्य राज्यों में भी धरातल पर उतार रही है। अगले साल की शुरुआत में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा भाजपा इसके मद्देनजर त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अपनाई गई और सफल रही रणनीति को उत्तराखंड में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल करने जा रही है। 

अगर यहां भी इसके परिणाम आशानुरूप रहे तो पार्टी की चुनावी रणनीति में यह एक नया अस्त्र शामिल हो जाएगा। इस कड़ी में त्रिपुरा में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पन्ना प्रमुखों की रणनीति को यहां भी धरातल पर आकार दिया जा रहा है। 

दरअसल, पन्ना प्रमुख का मतलब पेज प्रभारी से है। प्रत्येक बूथ की एक मतदाता सूची होती है। मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ की जिम्मेदारी एक कार्यकर्ता को दी जाती है, जिन्हें पन्ना प्रमुख कहा जाता है। इस प्रकार हर बूथ में एक पन्ना प्रमुख सीधे-धीरे 50 से 60 मतदाताओं के संपर्क में रहता है और वे भाजपा को वोट दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक थराली उपचुनाव में भी इसी प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि इस सीट पर जीत हासिल कर विपक्ष के हौसलों को पस्त किया जा सके। अब देखने वाली बात ये होगी कि यह प्रयोग कितना सफल हो पाता है।

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