Move to Jagran APP

जेलों में बंद अपराधियों को राह पर लाएंगी किताबें, खुलेंगी लाइब्रेरी

उत्‍तराखंड चार बड़ी जेलों में लाइब्रेरी खोलने की अनुमति मिल गई है। दो माह के भीतर इन जेलों में लाइब्रेरी शुरू हो जाएंगी।

By Edited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 02:59 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 10:49 AM (IST)
जेलों में बंद अपराधियों को राह पर लाएंगी किताबें, खुलेंगी लाइब्रेरी
जेलों में बंद अपराधियों को राह पर लाएंगी किताबें, खुलेंगी लाइब्रेरी

देहरादून, जेएनएन। राज्य की चार बड़ी जेलों में लाइब्रेरी खोलने की अनुमति मिल गई है। दो माह के भीतर इन जेलों में लाइब्रेरी शुरू हो जाएंगी। इसके बाद इन जेलों में बंद कैदी कानून से लेकर देश प्रेम, धर्म, संस्कृति पर आधारित पुस्तकें पढ़ सकेंगे। जेल प्रशासन का दावा है कि लाइब्रेरी में रखी जानी वाली पुस्तकों से अपराधियों के आचरण से लेकर अनुशासन में सुधार होगा। जेलों में बंद कैदियों का ध्यान आपराधिक गतिविधियों में न लगे, इसके लिए जेल प्रशासन ने लाइब्रेरी खोलकर किताबें पढ़ाने की योजना बनाई है। प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है।

loksabha election banner

अब जेल प्रशासन राज्य की चार बड़ी जेल देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और सितारगंज से इसकी शुरूआत करने जा रहा है। इन जेलों में लाइब्रेरी खोलने के बाद समीक्षा की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा, चमोली, रुड़की, हल्द्वानी और टिहरी में भी लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव है। लाइब्रेरी में नामी लेखकों की पुस्तकें कैदियों को पढ़ने के लिए मिलेंगी।

इन पुस्तकों में धर्म, संस्कृति, अनुशासन, कानून से लेकर देश प्रेम की पुस्तकें शामिल होंगी। खासकर चाणक्य, चेतन भगत, डॉ. एपीजे कलाम, महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू आदि महापुरुषों की पुस्तकें भी लाइब्रेरी में रखी जाएंगी। यही नहीं, लाइब्रेरी में कैदियों को देश के प्रमुख आंदोलन, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पुस्तकें कैदियों की दिलचस्पी के अनुरूप उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए कैदियों के बीच पुस्तकों को लेकर सर्वे कराया जा रहा है।

रोस्टर से मिलेगी पुस्तकें 

अच्छे आचरण वाले कैदियों को पुस्तकें लाइब्रेरी में पढ़ने को दी जाएंगी। जबकि संदिग्ध एवं गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति वालों को बैरक और बंद कोठरी में सशर्त पुस्तकें दी जाएंगी। हर माह रोस्टर के अनुरूप पुस्तकें बांटी जाएगी। 

बोले अधिकारी

पीवीके प्रसाद (आईजी, जेल) का कहना है कि  चार जेलों से लाइब्रेरी खोलने की योजना की अनुमति मिल गई है। दो से तीन माह के भीतर लाइब्रेरी खोली जाएगी। इसके लिए जेल परिसरों में जगह चिह्नित की जा रही है। लाइब्रेरी का लाभ जेलों में बंद कैदियों को मिलेगा। 

यह भी पढ़ें: 130 साल बाद फिरंगी छाया से मुक्त हुआ कोटद्वार रेल स्टेशन, पढ़िए पूरी खबर

यह भी पढ़ें: 230 साल पहले उत्तराखंड के जंगलों में भी थे गैंडे, ये दस्तावेज करते हैं तस्दीक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.