Leopard Terror: गांवों में ही घूम रहा गुलदार, खौफ के साए में ग्रामीणों ने लाठी-डंडों के सहारे गुजारी रात
साहिया क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में गुलदार के आतंक के चलते ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है। गुरुवार को आबादी के समीप आए गुलदार को भगाने के लिए सुरेऊ के ग्रामीणों ने रात लाठी-डंडों के सहारे रात बिताई।
संवाद सूत्र, साहिया(देहरादून)। Leopard Terror देहरादून जिले के साहिया क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में गुलदार के आतंक के चलते ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है। गुरुवार को आबादी के समीप आए गुलदार को भगाने के लिए सुरेऊ के ग्रामीणों ने रात लाठी-डंडों के सहारे रात बिताई। दातनू, मलेथा, पानुवा, अलसी, सुरेऊ, सकनी, पंजिया, कनबुवा, भंजरा, ककाड़ी, पंचरा, डामटा, भुगतार, जोशी गांव, दुनवा, मलेथा, जामुवा आदि गांवों में गुलदार का आतंक होने से ग्रामीण दहशत में हैं।
दरअसल, गुरुवार की रात में सुरेऊ गांव में गुलदार ने आबादी के समीप दो बकरों पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों ने किसी तरह से गुलदार को आबादी क्षेत्र से भगाने को लाठी-डंडों का सहारा लिया और पूरी रात बिताई। गुलदार के आबादी की ओर आने से सुरेऊ गांव के लोग दहशत में हैं। ग्रामीण जाड़प सिंह, शांति सिंह चौहान, हुकम सिंह, माया सिंह, संतराम, मुन्ना सिंह, राजेंद्र सिंह, सियराम राठौर आदि का कहना है कि गुलदार से अपनी जान बचाना मुश्किल हो रहा है। गुलदार से हुए नुकसान का मुआवजा मिलने में वर्षों लग जाते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दातनू, मलेथा, पानुवा, अलसी, सुरेऊ, सकनी, पंजिया, कनबुवा, भंजरा, ककाड़ी, पंचरा, डामटा, भुगतार, जोशी गांव, दुनवा, मलेथा, जामुवा आदि क्षेत्र में करीब एक दर्जन गुलदार होने की सूचना है, जो अलग-अलग गांव के आसपास छानियों में घात लगाकर बैठे रहते हैं। जैसे ही बकरियां दिखती हैं, गुलदार उसे निवाला बना लेते हैं। क्षेत्र में गुलदार दो माह में 50 से अधिक बकरियों को अलग-अलग गांव में शिकार बना चुके हैं। दो दुधारू गाय को भी मार चुके हैं।
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गुरुवार की रात में मलेथा निवासी भोपाल सिंह के बकरी को गुलदार ने शिकार बनाया। जाड़प सिंह दातनु के बकरी को भी मार डाला। मुन्ना सिंह जड़वाला में गुलदार ने बकरी को शिकार बनाया। दो तीन ग्रामीण पर भी गुलदार हमला बोल चुका है, ग्रामीणों ने भी किसी तरह से भागकर जान बचाई। वन प्रभाग चकराता के डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वह अपने अपने क्षेत्र में गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे की व्यवस्था करे, जिससे ग्रामीणों को आगे कोई नुकसान न हो।
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