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प्रदेश में बंद पड़े हैं 70 परंपरागत वन मार्ग

71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में परंपरागत वन मार्गाें की कुल संख्या 2583 है, जिनका उपयोग स्थानीय लोग भी आवाजाही के लिए करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 08:32 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 08:32 PM (IST)
प्रदेश में बंद पड़े हैं 70 परंपरागत वन मार्ग
प्रदेश में बंद पड़े हैं 70 परंपरागत वन मार्ग

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में परंपरागत वन मार्गाें की कुल संख्या 2583 है, जिनका उपयोग स्थानीय लोग भी आवाजाही के लिए करते हैं। वर्तमान में 70 वन मार्ग बंद पड़े हैं। इन्हें खुलवाने के लिए कार्रवाई चल रही है। विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न पर वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत की गैरमौजूदगी में संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वन मार्गाें के अनुरक्षण व पुनर्निर्माण के लिए चार स्तर से धनराशि दी जाती है। उन्होंने विधायक आदेश चौहान के अनुपूरक प्रश्न पर टीबड़ी-मोहंड मार्ग की दिक्कत का परीक्षण कराने की बात कही। साथ ही विधायक संजीव आर्य के पंगुट मार्ग से संबंधित प्रश्न पर अलग से प्रस्ताव देने को कहा। विधायक प्रीतम सिंह, विनोद कंडारी, हरीश धामी ने भी अनुपूरक प्रश्न रखे।

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नारी निकेतनों में 177 संवासिनियां

विधायक देशराज कर्णवाल के प्रश्न पर महिला कल्याण राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बताया कि नैनीताल, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व पौड़ी जिलों मे राजकीय नारी निकेतन-सुधार गृह हैं। इनमें 177 संवासिनियां रह रही हैं। उन्होंने हरिद्वार में भी सुधार गृह खोलने की मांग का परीक्षण कराने की बात कही। विधायक सुरेश राठौर के अनुपूरक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि संवासिनियों को रोजगारपरक कार्यक्रमों से जोड़ने की पहल की गई है। विधायक गोपाल रावत के अनुपूरक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के नौगांव में सुधार गृह चलने की जानकारी नहीं है।

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2022 तक किसानों की आय दोगुना

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के जवाब में कहा कि 'न्यू इंडिया मंथन-संकल्प से सिद्धि' तक राज्य में 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विधायक राम सिंह कैड़ा ने किसानों के हित में विभिन्न क्षेत्रों में मंडी और कोल्ड स्टोरेज खोलने की मांग रखी।


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