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ट्रेंचिंग ग्राउंड पर घिरे शहरी विकास मंत्री

उत्तरकाशी समेत प्रदेश के तमाम नगर निकायों में कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड न होने के सवाल पर सदन में आवास एवं शहरी विकास मंत्री घिरते नजर आए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 08:11 PM (IST)
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर घिरे शहरी विकास मंत्री

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तरकाशी समेत प्रदेश के तमाम नगर निकायों में कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड न होने के सवाल पर सदन में आवास एवं शहरी विकास मंत्री घिरते नजर आए। हालांकि, बाद में वह खुद को किसी तरह बचा ले गए। उन्होंने कहा कि 22 निकायों में कूड़ा निस्तारण को ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए भूमि की उपलब्धता के लिए डीएम को निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही कूड़े को संसाधन के रूप में लेते हुए इससे बिजली बनाने को 'वेस्ट एनर्जी' नीति लाई गई है और जल्द ही इसके सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।

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विधायक धन सिंह नेगी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित प्रश्न पर कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बताया कि टिहरी विस क्षेत्र में चंबा व टिहरी नगर पालिका क्षेत्र में ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए डीपीआर तैयार हो गई है। इसी वित्तीय वर्ष में धनराशि भी मुहैया करा दी जाएगी। विधायक महेंद्र भट्ट ने अनुपूरक प्रश्न रखा कि राज्य के अधिकांश नगर निकायों में ट्रेचिंग ग्राउंड नहीं है। यह व्यवस्था कब तक होगी।

विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या बना हुआ है। विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए इंदौर मॉडल को अपनाया जाए। विधायक प्रदीप बत्रा ने जानना चाहा कि रुड़की में कूड़े से बिजली बनाने का सयंत्र कब अस्तित्व में आएगा। विधायक यतीश्वरानंद ने उनके विस क्षेत्र में कूड़े से उठने वाली दुर्गध का मसला रखा। विधायक सहदेव पुंडीर ने शीशमबाड़ा प्लांट से जुड़ा ऐसा ही मसला रखा।

विभागीय मंत्री ने कहा कि उत्तरकाशी में ट्रेचिंग ग्राउंड को भूमि ले ली गई थी, मगर इसमें अदालत से स्टे हो गया। नए सिरे से भूमि की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में ट्रेचिंग ग्राउंड से दुर्गंध की दिक्कत है, वहां इसे दूर करने को एंजाइम छिड़कने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शीशमबाड़ा प्लांट मानकों के अनुरूप बना है। दुर्गध की समस्या को देखते हुए वह जल्द ही प्लांट का निरीक्षण करेंगे। अब प्लांट को 24 घंटे चालू रखने और दिन में चार बार एंजाइम छिड़कने को निर्देशित किया गया है।

नीति के बाद भी नहीं आ रही सुगंध

नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने चुटकी ली कि वेस्ट एनर्जी नीति बन गई है। इसके बाद भी सुगंध क्यों नहीं आ रही। अब तो सवा दो साल हो चुके हैं। कैबिनेट मंत्री कौशिक ने भी हंसते हुए जवाब दिया कि आप तो 10 साल में नहीं कर पाए, हमें तो दो साल ही हुए हैं। साथ ही जोड़ा कि नीति आने के बाद अब दुर्गध का समाधान हो जाएगा।


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