Move to Jagran APP

लॉ यूनिवर्सिटी पर एक कदम और बढ़ी रावत सरकार, पढ़िए पूरी खबर

प्रदेश में लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने एक कदम और बढ़ाया है। इस बार के बजट में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 04:10 PM (IST)
लॉ यूनिवर्सिटी पर एक कदम और बढ़ी रावत सरकार, पढ़िए पूरी खबर
लॉ यूनिवर्सिटी पर एक कदम और बढ़ी रावत सरकार, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, सुकांत ममगाईं। विधि क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने एक कदम और बढ़ाया है। इस बार के बजट में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बता दें, इस समय देश में 21 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी हैं, जिनमें क्लैट के माध्यम से प्रवेश मिलता है। इनमें स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।

loksabha election banner

उत्तराखंड में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रोजगारपरक शिक्षा में मील का पत्थर साबित होगी। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रदेश के साथ ही देशभर के प्रतिभावान छात्र-छात्रएं यहां आएंगे। इससे विवि के निकटवर्ती क्षेत्रों की आर्थिकी को भी फायदा होगा। उत्तराखंड एजूकेशन हब की दिशा में एक कदम और बढ़ेगा। राज्य सरकार ने बजट में विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को स्मार्ट कैंपस के रूप में विकसित करने के लिए वाई-फाई जोन की स्थापना के लिए भी दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार ने वर्ष 2020 तक राज्य के सभी महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण लक्ष्य निर्धारित किया है। रूसा के अंतर्गत विश्वविद्यालय, शासकीय व अशासकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण के लिए आय-व्ययक में 20 करोड़ एवं राज्य सेक्टर में 18 करोड़ का प्रावधान किया है। विश्व बैंक सहायतित तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम फेज-3 के अंतर्गत विवि एवं चयनित तकनीकी संस्थानों के सुदृढ़ीकरण व शैक्षिक अनुसंधान की पहल की गई है। जिससे इन संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर विकसित किया जा सकेगा। प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास को लेकर भी सरकार गंभीर दिखी है। इसके लिए नाबार्ड के अंतर्गत 19 पॉलीटेक्निक संस्थाओं में निर्माण कार्य चल रहा है। जिसे वर्ष 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।

12 करोड़ से आकार लेगा डॉ. नित्यानंद शोध संस्थान

दून विश्वविद्यालय परिसर में प्रस्तावित डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन संस्थान के निर्माण के लिए बजट में 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नौ फरवरी, 2018 को संस्थान की भूमि पूजन के साथ आधारशिला रखी थी। महान शिक्षाविद एवं समाजसेवी डॉ. नित्यानंद के जन्मदिवस नौ फरवरी को शोध संस्थान की स्थापना के लिए चुना गया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि नित्यानंद शोध संस्थान दून विवि का अंग रहेगा और दून विवि से डिग्री प्रदान की जाएगी। दून विवि के कुलपति डॉ.सीएस नौटियाल ने संस्थान के लिए एकमुश्त 12 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा जताई की जल्द निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।

शोध संस्थान के ये हैं उद्देश्य

-सुदूर संवेदन तकनीकी एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीकी’ से राज्य की भौगोजिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यटन पहलुओं का आंकड़ा आधार (डाटा बेस) तैयार करना

-क्षेत्रीय विकास पर बदल देते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक पहलुओं पर अध्ययन करना।

-विकास के लिए पर्वतीय भूभाग को सांस्कृतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में विभाजित करना।

-उत्तराखंड में बागवानी एवं चाय बागान की असफलता के कारणों का अध्ययन

-ईको टूरिज्म के विकास के लिए सरकार को तर्कसंगत सुझाव देना

 डॉ. नित्यानंद पहाड़ के प्रति समर्पित थे

नौ फरवरी 1926 को आगरा में जन्मे डॉ.नित्यानंद ने हिमालय को सेवा कार्य के लिए चुना। 1940 में आगरा में दीनदयाल उपाध्याय से भेंट के बाद वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। 1965-1985 तक डॉ. नित्यानंद डीबीएस पीजी कॉलेज भूगोल विभागाध्यक्ष व रीडर रहे। इसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी में सेवा आश्रम मनेरी में वर्षो तक जनसेवा का कार्य किया। आठ जनवरी 2016 को देहरादून में उनका देहावसान हुआ।

 यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड बजट के पिटारे में पांचों सीटें साधने की जुगत

यह भी पढ़ें: वित्तमंत्री ने पेश किया 48663.90 करोड़ का बजट, भाषण के दौरान हुए बेहोश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.