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देहरादून में देर रात हुई झमाझम बारिश, लुढ़का पारा; लौट आई ठंड

दून व आसपास के इलाकों को देर रात हुई झमाझम बारिश से पारे ने गोता लगाया। इसके साथ ही मध्यम की हवाओं ने ठंड लौटा दी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 08:58 AM (IST)
देहरादून में देर रात हुई झमाझम बारिश, लुढ़का पारा; लौट आई ठंड
देहरादून में देर रात हुई झमाझम बारिश, लुढ़का पारा; लौट आई ठंड

देहरादून, जेएनएन। दून व आसपास के इलाकों को देर रात हुई झमाझम बारिश से पारे ने गोता लगाया। इसके साथ ही मध्यम की हवाओं ने ठंड लौटा दी। रात के समय पारा सामान्य से दो डिग्री नीचे पहुंच गया और फिर से ठंड का एहसास होने लगा। इससे पहले सुबह भी बारिश के एक से दो दौर हुए। बुधवार को मसूरी का अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री नीचे 12.0 व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि, दून में पारा सामान्य से आठ डिग्री नीचे 25.1 व न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, सुबह भी कई जगह बादल छाए रहे।

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बुधवार को तड़के तीन बजे बारिश शुरू हो गई थी। इसके बाद पूरे दिन कभी तेज हवाएं तो कभी बौछारों को सिलसिला जारी रहा। इस दौरान चकराता रोड, बिंदाल पुल, घंटाघर, राजपुर रोड आदि क्षेत्रों में बारिश हुई। इसके बाद देर रात करीब साढ़े 11 बजे शहर के कई इलाकों को मध्यम हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई और एक घंटे तक जारी रही। सुबह होने तक भी रुक-रुककर बूंदाबादी होती रही। मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि आने वाले 24 घंटों में देहरादून और मसूरी में बारिश हो सकती है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि गुरुवार को देहरादून समेत प्रदेशभर में मौसम आंशिक रूप से बदला हुआ रहेगा। इस दौरान कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालांकि, ओलावृष्टि और आंधी-तूफान से राहत रहेगी।

फसल को नुकसान

ओलावृष्टि व तेज हवाओं के चलते प्रदेश के कई इलाकों में गेंहू की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। पहाड़ी क्षेत्रों में जहां गेंहू के साथ ही जौ व मटर की फसल को भी छति पहुंची है। वहीं, यमुना व अगलाड़ घाटियों में भी अच्छी बारिश हुई है। कहीं-कहीं तेज हवाओं से गेंहू-जौ और मटर की फसलों को नुकसान पहुंचा है। कृषि निदेशक गौरी शंकर ने कहा कि आजकल गढ़वाल और कुमाऊं के अधिकांश क्षेत्रों में गेंहू की फसल पक चुकी है और कई जगह कटाई का कार्य चल रहा है। ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि खड़ी फसल के लिए नुकसानदायक है। तेज हवाओं के कारण भी गेंहू की फसल बर्बाद हो गई है।

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