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चकराता क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर उमड़े पर्यटक

संवाद सूत्र चकराता गर्मी शुरू होते ही चकराता के पर्यटन स्थल पूरी से सैलानियों से गुलजार ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 03:01 AM (IST)
चकराता क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर उमड़े पर्यटक
चकराता क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर उमड़े पर्यटक

संवाद सूत्र, चकराता: गर्मी शुरू होते ही चकराता के पर्यटन स्थल पूरी से सैलानियों से गुलजार हैं। इस साल पहली भारी हजारो की संख्या में सैलानीयो के आने से चकराता क्षेत्र के व्यापारियों के चहरे तो खिले हुए हैं, लेकिन पर्यटकों को ठहरने की सुविधाएं न मिलने से देश के विभिन्न राज्यों से आये लोग खुले आसमान के नीचे रातें काट रहे हैं। हालांकि चकराता क्षेत्र के मनोहारी नजारे पर्यटकों को खूब भा रहे हैं, लेकिन ठहरने के लिए सीमित संख्या में होटल होने की वजह से पर्यटकों को मसूरी का रूख करना पड़ता है।

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केंद्र व प्रदेश सरकार पर्यटन विकास के नाम पर करोड़ों खर्च करने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आता है। चकराता क्षेत्र के अनिल चांदना, सालक राम, दिनेश चौहान आदि का कहना है कि क्षेत्र के रामताल गार्डन, ठाणा डांडा, टाइगर फाल, देववन, मुंडाली, लोखंडी जैसे पर्यटन स्थल पूरी तरह से उपेक्षित हैं। यहां पर ठहरने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। इन स्थलों पर प्राकृति ने अपनी नेमत बरसायी, हर तरफ मनोहारी नजारों से आंखें हटती नहीं, लेकिन पर्यटन विभाग की उपेक्षापूर्ण नीति का खामियाजा असुविधा के रूप में पर्यटकों को भुगतना पड़ता है। ठहरने की व्यवस्था नही होने से लोगों को बुधवार की रात भी यात्रिक शेड पर काटनी पडी, जबिक कुछ पर्यटकों ने स्वंय के टेंट लगाकर चिलमिरी में रात बिताई। नागथात क्षेत्र के इंदर सिंह नेगी, बारू चौहान के अनुसार विराटखाई में राजा विराट का किला, नागथात, चुरानी जैसे स्थल वीरान पड़े हैं। एतिहासिक पहचान रखने के साथ पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण इन स्थलों की उपेक्षा हो रही है। लोखंडी क्षेत्र के मेहर सिंह, जगतराम नौटियाल आदि का कहना है कि लोखंडी, बुधेर, कोटी कनासर, मोईला टोप जैसे पर्यटन स्थल धीरे धीरे पहचान खो रहे हैं।

चकराता तक में पर्याप्त आवासीय सुविधा नहीं

चकराता: जौनसार बावर के केंद्र स्थल चकराता में ही पर्यटकों के ठहरने की सुविधा की कमी है। चकराता में सात प्राइवेट होटल हैं, छावनी क्षेत्र होने के कारण होटलों में ठहरने की सीमित सुविधा है। जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में कोर्ट संचालित हैं, वन विभाग के गेस्ट हाउस मे विभागीय आफिस संचालित है। सिर्फ लोनिवि का गेस्ट हाउस ही है, जहां पर पर्यटकों को ठहरने कीं सुविधा मिल पाती थी। यदि नवीन चकराता पुरोड़ी बस जाता तो पर्यटकों के लिए बेहतर आवासीय सुविधाएं विकसित हो जातीं, जिससे पर्यटकों को भी सुविधाएं मिलती।

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