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उत्तराखंड में निवेशकों को लुभाने के लिए श्रम कानूनों में होगा सुधार, जानिए

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार की कवायद चल रही है। इस कड़ी में अभी उद्योगों में तीन से अधिक यूनियन न बनाए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूर कर चुकी है।

By Edited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:59 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 03:45 PM (IST)
उत्तराखंड में निवेशकों को लुभाने के लिए श्रम कानूनों में होगा सुधार, जानिए
उत्तराखंड में निवेशकों को लुभाने के लिए श्रम कानूनों में होगा सुधार, जानिए

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार की कवायद चल रही है। इस कड़ी में अभी उद्योगों में तीन से अधिक यूनियन न बनाए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूर कर चुकी है। वहीं औद्योगिक विवाद अधिनियम में संशोधन का मामला मंत्रिमंडलीय समिति के पास है। इसके अलावा अन्य श्रम कानूनों में भी ढील देने की तैयारी चल रही है। कोरोना के बाद से ही चीन के बाद अब हिंदुस्तान को निवेश के एक बड़े गंतव्य के रूप में देखा जा रहा है। 

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विदेशी कंपनियां चीन के स्थान पर अन्य देशों में नया ठिकाना तलाश रही हैं। भारत इसे विदेशी निवेश के एक बड़े मौके के रूप में देख रहा है। ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से अपने यहां औद्योगिक वातावरण सुधारने और श्रम कानूनों में संशोधन करने की अपेक्षा की है। मकसद यह कि विदेशी कंपनियां को यहां निवेश के लिए मुफीद वातावरण मिल सके। इस क्रम में वाणिज्य मंत्रालय लगातार सभी राज्यों के साथ संपर्क में भी है। इस कड़ी में उत्तराखंड में भी श्रम कानूनों में बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत कुछ समय पहले उत्तराखंड कैबिनेट में श्रम कानूनों में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया। 
इसमें कहा गया कि कारखानों में तीस फीसद या 250 कर्मचारियों पर ही यूनियन बन सकेगी। इसका मकसद औद्यौगिक विवादों में कमी लाना बताया गया। इसके अलावा यूनियनों की संख्या भी सीमित की गई है। कैबिनेट में भी बीते दिनों औद्योगिक विवाद अधिनियम में संशोधन का मसला लाया गया था। इस पर कैबिनेट में सहमति नहीं बनी। दरअसल, इसमें अधिकांश उद्योगों को इसके दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की गई थी। 
लिहाजा यह मसला श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय समिति को सौंपा गया। इस पर अभी फैसला लिया जाना है। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि जल्द ही समिति की बैठक होगी, जिसमें सभी पहलुओं पर विचार के बाद निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में निवेश के लिए आनी वाली कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल तैयार रखना सरकार की प्राथमिकता है।

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