Kumbh Coronavirus test Fraud: शरत-मल्लिका के बहाने खेल के बड़े खिलाड़ियों पर एसआइटी का निशाना
Kumbh Coronavirus test Fraud कुंभ के दौरान हुए कोरोना वायरस जांच फर्जीवाड़े में आरोपित मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के निदेशक शरत और मल्लिका पंत की गिरफ्तारी से खेल के बड़े खिलाड़ियों की कारगुजारी सामने आने की उम्मीद बंधी है।
अनूप कुमार सिंह, हरिद्वार। Kumbh Coronavirus test Fraud हरिद्वार कुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच फर्जीवाड़े में आरोपित मैक्स कारपोरेट सर्विसेज के निदेशक शरत और मल्लिका पंत की गिरफ्तारी से खेल के बड़े खिलाड़ियों की कारगुजारी सामने आने की उम्मीद बंधी है। इस मामले में एसआइटी को जांच के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी भी हासिल हुई। इस आधार पर उसने जांच के दौरान एक ऐसे आरोपित को पूछताछ के लिए हरिद्वार बुलाया था, जो ब्राजील को कोरोना वैक्सीन निर्यात फर्जीवाड़े में आरोपित चर्चित गोयल परिवार से संबंधित बताया जा रहा हैं। आरोप है कि हरिद्वार कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े की जांच व कार्रवाई में रोड़ा अटकाने की असल वजह भी यही लोग है। इन्होंने अपने रसूख और पहुंच के बल पर मामले को दबाने की पूरी कोशिश की। पर, अब शरत पंत और मल्लिका पंत की इस मामले में हुई गिरफ्तारी के बाद उनकी कारगुजारी के सामने आने की पूरी उम्मीद है।
सरकार और कुंभ मेला प्रशासन ने कुंभ में लाखों-करोड़ों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच का काम मैक्स कारपोरेट सर्विसेस को दिया था, जो मुख्यत: इंजीनियरिंग और कन्सल्टेंसी कंपनी है। यह हेल्थ और सेफ्टी प्रबंधन का भी काम करती है, लेकिन इसका इस तरह की जांच से सीधा साबका कभी नहीं पड़ा है। कंपनी ने खुद भी उत्तराखंड हाईकोर्ट को बताया है कि वह सिर्फ थर्ड पार्टी है, जिसने सैंपल कलेक्शन कर इसे रैपिड एंटीजन टेस्ट का काम राष्ट्रीय एक्रिडेटेड लेबोरेटरीज से कराया।
ये लेबोरेटरी थी दिल्ली की लालचंदानी लैब और हिसार हरियाणा की नलवा लैब। इस काम की मॉनिटरिंग खुद उच्च न्यायालय, नैनीताल कर रहा था, फिर भी सरकार ने इसके लिए न तो टेंडर निकाले, न कोई समिति बनाई जो इस काम की देखरेख करती। पहले से निर्धारित रेट पर कुंभ मेला सीएमओ की 'एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट' (इओआइ) के आधार पर की गई संस्तुति पर काम का आवंटन कर दिया।
कोरोना जांच फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर जब एसआइटी जांच का दायरा बढ़ा तो यह मध्य प्रदेश के मूल निवासी और मुंबई से अपना कारोबार कर रहे अनिरुद्ध गोयल तक पहुंच गई। एसआइटी ने उन्हें हरिद्वार बुलाकर पूछताछ की तो पता चला कि यह उसी भारतीय गोयल परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिन पर ब्राजील में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
एसआइटी सूत्रों के अनुसार ब्राजील की जरूरत के मुताबिक हैदराबाद के वैक्सीन उत्पादक 'भारत बायोटेक' को ब्राजील को दो करोड़ वैक्सीन डोज निर्यात करने का समझौता किया था। इसके लिए शर्त यह थी कि निर्यात करने वाली कंपनी का संयुक्त अरब अमीरात से पंजीकृत होना जरूरी है। बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक सीधे तौर पर इस समझौते में शामिल (पार्टी) नहीं थी पर, उसने इसके लिए दो फर्मों के साथ करार किया। इनमें से एक 'एनविक्सिया' दुबई में पंजीकृत कंपनी है पर, उसने इस काम के लिए जिस रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग किया है, वह ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में पंजीकृत 'इनवेक्स हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड' का है, जिसका मुख्यालय मध्य प्रदेश के नीमच में है और इसका एक ऑफिस मुंबई के ठाणो में भी है।
एसआइटी सूत्रों के मुताबिक अनिरूद्ध गोयल भी नीमच मध्य प्रदेश का मूल निवासी है। इस जानकारी के बाद एसआइटी ने पूछताछ के लिए करीब तीन माह पहले समन भेज अनिरूद्ध गोयल को हरिद्वार बुलाया, एसआइटी के समन पर अनिरूद्ध हरिद्वार आया, एसआइटी ने उससे पूछताछ भी की। पर, बाद में मामला शांत हो गया। पर, शरत और मल्लिका की गिरफ्तारी के बाद गोयल परिवार खासकर अनिरूद्ध गोयल की भूमिका एक बार फिर से जांच के दायरे में आ गई है। एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एसआइटी जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर शरत और मल्लिका पंत की गिरफ्तारी की गई है। बताया कि कई चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं, संबंधित तथ्यों की पड़ताल चल रही है। जल्द कुछ और गिरफ्तारी की जाएंगी।
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