जानें- क्यों ओमिक्रोन वैरिएंट की पहचान को लग रहा काफी वक्त, हफ्ते बाद भी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट का पता नहीं
नए वैरिएंट ओमिक्रोन की पहचान करने में खासा वक्त लग रहा है। राज्य में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार लंबा खिंच गया है। करीब एक सप्ताह बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है। बताया गया कि इसके लिए अभी मंगलवार तक इंतजार करना पड़ेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Omicron Variant कोरोना पाजिटिव मरीजों में वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की पहचान करने में खासा वक्त लग रहा है। राज्य में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट का इंतजार लंबा खिंच गया है। करीब एक सप्ताह बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है। बताया गया कि इसके लिए अभी मंगलवार तक इंतजार करना पड़ेगा।
दून मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि जिलों को नियमित रूप से व समय पर सैंपल भेजने को कहा गया है, ताकि लैब के स्तर पर दिक्कत न रहे। ज्यादा जांच एक साथ करने के लिए लैब में 40-40 सैंपल की जगह अब 80-80 सैंपल की दो चिप से जांच एक साथ की जाएगी। जिससे ज्यादा सैंपलों की रिपोर्ट एक साथ आ जाएगी। 80 सैंपलों की जो जांच अभी चल रही थी, उनकी प्रक्रिया रोककर अब एक साथ 160 सैंपल की जांच शुरू कर दी गई है। जिनकी रिपोर्ट मंगलवार तक आ जाएगी।
यह भी वजह
जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाली मशीन में एक बार में निर्धारित संख्या में ही सैंपल प्रोसेस किए जा सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद खर्चीली है। मशीन में कम सैंपल भी प्रोसेस किए जा सकते हैं, लेकिन खर्च उतना ही आता है, जितना पूरे सैंपल के लिए आता है। इसलिए अधिक खर्च को देखते हुए आमतौर पर अधिक सैंपल आने पर ही जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है।
यह है जीनोम सीक्वेंसिंग
जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का प्रोफाइल होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में जानकारी मिलती है।
सीक्वेंसिंग में लगते हैं पांच से छह दिन
एक बार जीनोम सीक्वेंसिंग करने में लगभग पांच-छह दिन का समय लगता है। यह अच्छा खासा समय लेने वाली प्रक्रिया है।
इनकी रिपोर्ट पर नजर
रुड़की में कोरोना पाजिटिव आए यमन नागरिक, ऋषिकेश में अमेरिका से लौटे व्यक्ति, दिल्ली में ओमिक्रोन संक्रमित स्वजन से मिलकल लौटे राजपुर रोड निवासी बुजुर्ग दंपती और ओमिक्रोन संक्रमित कांवली रोड निवासी युवती के माता-पिता।
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