उत्तराखंड में वन्यजीव पर्यटन के बादशाह हैं कॉर्बेट और राजाजी, पढ़िए पूरी खबर
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखंड में वन्यजीव पर्यटन के सबसे बड़े डेस्टिनेशन के रूप में अपनी बादशाहत बनाए हुए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखंड में वन्यजीव पर्यटन के सबसे बड़े डेस्टिनेशन के रूप में अपनी बादशाहत बनाए हुए हैं। वन्यजीव पर्यटन के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। गुजरे सीजन यानी एक अक्टूबर 2018 से 30 सितंबर 2019 तक राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और कंजर्वेशन रिजर्व में आए 4.72 लाख पर्यटकों में से 77 फीसद ने कार्बेट और राजाजी की तरफ रुख किया। ऐसी ही स्थिति इससे पहले के सीजनों में भी रही। अलबत्ता, अन्य संरक्षित क्षेत्रों में वन्यजीवन का दीदार को पर्यटकों की आमद अभी भी काफी कम है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व बाघ घनत्व के मामले में देश के सभी टाइगर रिजर्व में अव्वल है तो राजाजी रिजर्व उत्तर भारत में हाथियों की अंतिम पनाहगाह। लिहाजा, इनका आकर्षण सर्वाधिक है। इनके नजदीक अन्य डेस्टिनेशन भी हैं। मसलन, राजाजी के इर्द- गिर्द हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे शहर हैं। ऐसी ही स्थिति कार्बेट की है। पहुंच भी सुगम है। नतीजतन सैलानी इन्हें ही तवज्जो देते आए हैं।
बीते सीजन में भी इन रिजर्व पर पर्यटकों का दबाव रहा। अलबत्ता, दुर्गम और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित अन्य संरक्षित क्षेत्रों में आसान पहुंच न होने से सैलानियों का रुख कम रहा। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। उनके अनुसार कॉर्बेट व राजाजी से इतर भी संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़े, इसके लिए हिमालयी क्षेत्र के संरक्षित क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों की दरें समान की जा रहीं। अलबत्ता, कॉर्बेट और राजाजी में प्रवेश शुल्क, ठहरने की दरों में इजाफा किया जा रहा है।
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बीते सीजन में आए सैलानी
संरक्षित क्षेत्र, संख्या
टाइगर रिजर्व
कार्बेट, 297148
राजाजी, 66421
नेशनल पार्क
गंगोत्री, 19912
फूलों की घाटी, 17276
अभयारण्य
गोविंद, 14460
बिनसर, 29257
केदारनाथ, 12068
मसूरी, 979
नंधौर, 950
नंदादेवी बायोस्फीयर, 7684
कंजर्वेशन रिजर्व
आसन, 2040
पवलगढ़, 1520
झिलमिल, 2272
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