कश्मीरी छात्र-छात्राओं का वेरिफिकेशन जरूरी: धन सिंह
प्रदेश सरकार अब कश्मीरी छात्र-छात्राओं को राज्य के शिक्षण संस्थानों में दाखिला देने से पहले उनका वेरिफिकेशन कराएगी। किसी भी संदिग्ध को दाखिला नहीं दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश सरकार अब कश्मीरी छात्र-छात्राओं को राज्य के शिक्षण संस्थानों में दाखिला देने से पहले उनका वेरिफिकेशन कराएगी। किसी भी संदिग्ध को दाखिला नहीं दिया जाएगा।
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद राज्य में पढ़ रहे कश्मीरी युवाओं की ओर से सोशल मीडिया पर आतंकियों का समर्थन किए जाने के मामले सामने आए थे। इसे देखते हुए आम जनमानस में आक्रोश उत्पन्न हो गया था। कश्मीरी छात्र-छात्राओं का विरोध होने पर सरकार की ओर से उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई गई। अब इस मामले में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कश्मीरी छात्र-छात्राओं को दाखिला देने से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी एकत्र की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता या संदिग्ध पाए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में छात्र के संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान से वेरिफिकेशन कराया जाएगा।
उधर, काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने देहरादून से कश्मीरी छात्र-छात्राओं को पीडीपी नेताओं के कश्मीर ले जाने पर आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को ले जाने का जिम्मा अभिभावकों पर है। यह कार्य किसी अन्य को नहीं दिया जा सकता है। छात्र-छात्राओं को ले जाने के मामले में कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का भार राज्य सरकार पर है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सरकार से कश्मीरी छात्र-छात्राओं का वेरिफिकेशन कराए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बगैर वेरिफिकेशन के छात्र-छात्राओं के दाखिले पर प्रतिबंध लगना चाहिए।