आध्यात्मिक ²ष्टि से पवित्र माह है कार्तिक
जागरण संवाददाता ऋषिकेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कार्तिक माह की पवित्रता और आध्यात्मिक महत्व के विषय में संदेश देते हुए कहा कि 12 महिनों में कार्तिक माह आध्यात्मिक ²ष्टि से पवित्र माह माना गया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कार्तिक माह की पवित्रता और आध्यात्मिक महत्व के विषय में संदेश देते हुए कहा कि 12 महिनों में कार्तिक माह आध्यात्मिक ²ष्टि से पवित्र माह माना गया है। इसकी शुरूआत शरद पूर्णिमा से होती है तथा समापन कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली पर समापन होता है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि कार्तिक माह की लगभग सभी तिथियों का विशेष महत्व है, परंतु करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, गौवत्स द्वादशी, धनतेरस, रूप चर्तुदशी, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, सौभाग्य पंचमी, छठ, गोपाष्टमी, आंवला नवमी, देव एकादशी, बैकुंठ चर्तुदशी आदि तिथियां सामाजिक और आध्यात्मिक ²ष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण तिथियां है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि कार्तिक माह की देव उठनी या प्रबोधिनी एकादशी का भी विशेष आध्यात्मिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के पश्चात जागृत अवस्था में आते हैं। इसलिए प्रबोधिनी एकादशी के पश्चात से सारे मांगलिक कार्य शुरू किए जाते हैं।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक महीने में किया गया जप, दान, पूजा- पाठ तथा पवित्र नदियों में सूर्योदय से पहले स्नान का बहुत ही महत्व होता है। इस माह में दीपदान का भी विधान है। दीपदान मंदिरों, घरों, पवित्र स्थानों और नदियों के तटों पर किया जाता है। साथ ही पूज्य संतों एवं ब्राह्मण भोजन, गाय दान, तुलसी दान तथा अन्न दान का भी विशेष महत्व होता है। कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा का खास महत्व है। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार तुलसी जी भगवान विष्णु की प्रिय हैं। इसलिए तुलसी की पूजा और आराधना करना अभिष्ट फलदायी होता है।