ेकबाड़ घोटाले में ऊर्जा निगम ने साधी चुप्पी
गुपचुप तरीके से लाखों का कबाड़ बेचने के मामले में ऊर्जा निगम ने चुप्पी साध ली है। मामले जांच और कार्रवाई की बात तो दूर ऊर्जा निगम इस मामले में कोई भी सूचना देने में आनाकानी कर रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : गुपचुप तरीके से लाखों का कबाड़ बेचने के मामले में ऊर्जा निगम ने चुप्पी साध ली है। मामले में जांच और कार्रवाई की बात तो दूर ऊर्जा निगम इस मामले में कोई भी सूचना देने में आनाकानी कर रहा है। जिससे ऊर्जा निगम की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।
ऊर्जा निगम में घोटालों की फेहरिस्त लगातार लंबी होती जा रही है। अब तक निगम में कई घोटाले सामने आ चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी ऊर्जा निगम की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आ रहा है। दो माह पहले निगम में कबाड़ घोटाला सामने आया था। बताया जा रहा है कि ऊर्जा निगम में काफी मात्रा में पुराना सामान कबाड़ के रूप में पड़ा हुआ था। जिसकी कीमत तीन से चार लाख के करीब बताई जा रही थी। नियमानुसार कबाड़ बेचने के लिए पहले टेंडर आंमत्रित किए जाते हैं, इसके बाद ही टेंडर के माध्यम से सामान की नीलामी की जाती है। लेकिन निगम प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। बताया जा रहा है कि विगत दस फरवरी को सामान को दो ट्रकों में भरकर गुपचुप तरीके से बेच दिया। शुरुआत में निगम प्रबंधन इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर करता रहा, लेकिन बाद में मामले की जानकारी कर जांच की बात कहीं जा रही थी। अब दो माह बीत जाने के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। निगम ने मामले में चुप्पी साध ली है। यहां तक कि सूचना के अधिकार में जानकारी मांगने पर भी निगम सूचना देने में आनाकानी कर रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अन्य घोटालों की तरह निगम इस घोटाले को भी फाइलों में ही दफन करने की तैयारी कर रहा है। मुख्य अभियंता और निगम के प्रवक्ता एके सिंह ने कहा कि मामले की जांच की गई थी, लेकिन इस प्रक ार की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई।