नड्डा ने कार्यकर्ताओं को दी राजनैतिक समाजशास्त्र की सीख
बतौर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पहली बार उत्तराखंड आए जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनैतिक समाजशास्त्र की सीख देते हुए भविष्य के लिए तैयार होने का आह्वान किया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। वर्ष 2014 के बाद से उत्तराखंड में अपराजित भाजपा की नजर अब मिशन 2022 पर आकर टिक गई है। बतौर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पहली बार उत्तराखंड आए जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनैतिक समाजशास्त्र की सीख देते हुए भविष्य के लिए तैयार होने का आह्वान किया।
प्रदेश संगठन के चुनावों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। इस दौरान मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर सांगठनिक चुनावों में सर्वानुमति कायम करने पर जोर दिया गया।
राज्य में 2014 के लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक के सभी चुनावों में भाजपा जबर्दस्त प्रदर्शन करती आ रही है। आगे भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहे, इसके लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी का अगला टारगेट 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। तब राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी नेतृत्व की कोशिश ये है 2017 की भांति इसमें भी भाजपा को प्रचंड जनादेश हासिल हो।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। असल में नड्डा ने प्रांतीय पदाधिकारियों से लेकर जिलाध्यक्षों व जिला प्रभारियों के साथ ही सांसद- विधायकों संग बैठकों में न सिर्फ पूरी शिद्दत के साथ जनता से जुड़ाव बरकरार रखने को निरंतर का संदेश दिया, बल्कि ये भी साफ कर दिया कि सभी को परफार्मेंस भी दिखानी होगी। साथ ही हर स्तर पर गंभीरता से जुटना होगा। क्वालिटी पर फोकस करना होगा और मिनिमम टाइम में मैक्सिमम डिलीवरी देनी होगी। साथ ही अपने आचार-व्यवहार को संयमित रखने और जनता की दुख-तकलीफों के निदान को निरंतर सक्रिय रहने पर जोर दिया।
नड्डा का जोर इस बात पर भी था कि प्रत्येक कार्यकर्ता को बूथ स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती को जुटना होगा। बूथ मजबूत होगा तो जीत की गारंटी तय है और अब तक के चुनावों में यह सफलता का राज भी रहा है। उन्होंने कहा विपक्ष को हर मोर्चे पर पटखनी देने के मद्देनजर पार्टीजनों से अपने तरकश में तथ्यों के साथ मजबूत तीर तैयार करने का मंत्र भी दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से ये भी कहा कि वे अपनी ताकत व कमजोरी का आकलन खुद करना शुरू करें।
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वहीं, पार्टी के इन दिनों चल रहे संगठनात्मक चुनावों में सर्वानुमति पर भी जोर दिया गया। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश ने यह सुझाव दिया कि मंडल इकाइयों से इसकी शुरुआत होनी चाहिए और यह सिलसिला फिर जिला व राज्य स्तर पर भी जारी रहने चाहिए।