पॉलीथिन के खिलाफ एकजुट हुए तीर्थनगरी के तीन निकाय
ऋषिकेश मुनिकीरेती और जोंक नगर निकाय पॉलीथिन के खिलाफ संयुक्त रूप से जन जागरण करेंगे। निकाय जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से पॉलीथिन उत्पादन करने वाली इकाइयों को बंद करने की मांग उठाई।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :
ऋषिकेश, मुनिकीरेती और जोंक नगर निकाय पॉलीथिन के खिलाफ संयुक्त रूप से जन जागरण करेंगे। निकाय जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से पॉलीथिन उत्पादन करने वाली इकाइयों को बंद करने की मांग उठाई।
नगर निगम सभागार में गुरुवार को नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती और नगर पंचायत जोंक के जनप्रतिनिधियों की बैठक पॉलिथीन प्रतिबंध के मुद्दे पर बुलाई गई। बैठक में पार्षद और सभासदों ने कहा कि पूर्व में भी पॉलिथीन को लेकर अभियान चले। निकायों ने दंडात्मक कार्रवाई भी की मगर जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति की कमी ने इस अभियान को प्रभावित किया है। सदस्यों ने कहा कि पॉलीथिन पर रोक के मामले में तीनों निकायों को सरकार विशेष अधिकार प्रदान करें। अभियान के दौरान कोई भी जनप्रतिनिधि किसी की सिफारिश करने के बजाय मजबूती के साथ कार्रवाई का समर्थन करें तो तभी इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। पार्षदों ने उत्तराखंड में प्रतिबंधित पॉलीथिन बनाने वाली इकाईयों पर रोक लगाने की मांग सरकार से की।
नगर निगम की महापौर अनीता ममगाई ने कहा कि पिछली जो भी खामियां रही होंगी उससे सबक लेकर हमें पॉलिथीन और प्रतिबंधित प्लास्टिक डिस्पोजल के खिलाफ एक मुहिम चलानी होगी। नगर निगम की टीम अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है। मगर आम जन को मानसिक तौर पर तैयार करने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने कहा कि यह बात सबको मालूम है कि समूचे उत्तराखंड में पॉलीथिन का प्रयोग प्रतिबंधित है। मगर व्यवहारिक तौर पर लोग पॉलिथीन को अपना रहे हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि जन जागरण के साथ सख्त कार्रवाई से पॉलिथीन बिक्री को रोका जा सकता है। नगर पंचायत जोंक के अध्यक्ष माधव अग्रवाल में भी पॉलीथिन के खिलाफ अभियान को समर्थन दिया।
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सूअर पालक निकाय कर्मी निशाने पर
पॉलीथिन के खिलाफ अभियान को लेकर तीन निकायों की बैठक में सड़क पर घूमने वाले सुअरों का मामला भी बैठक में उठाया गया। पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी ने बताया कि मुनिकीरेती क्षेत्र में आने वाले सूअर अधिकतर ऋषिकेश से आते हैं। पिछली कार्रवाई में यह बात सामने आई कि ऋषिकेश के कुछ निकाय कर्मचारी इन सूअरों के पालक है। महापौर अनीता ममगाई ने कहा कि सूअर पकड़े जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया पर भी अमल किया जाएगा।