उत्तराखंड में जायका से संवरेगी 750 वन पंचायतों की तस्वीर
उत्तराखंड में जायका यानी जापान इंटरनेशनल को ऑपरेशन एजेंसी से 750 वन पंचायतों की तस्वीर संवरेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में मार्च 2022 तक चलने वाली जायका (जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी) परियोजना का खाका राज्य सरकार ने तैयार कर लिया है। 807 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना के अंतर्गत 13 वन प्रभागों की 36 रेंजों में चयनित 750 वन पंचायतों में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के उपचार के साथ ही विभिन्न रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
वन पंचायत व्यवस्था वाले देश के एकमात्र राज्य उत्तराखंड में वन पंचायतें वित्तीय संसाधनों का अभाव भी झेल रही हैं। इनकी संख्या 12175 के करीब है। यह स्थिति तब है, जबकि इनके कंधों पर पंचायती वनों के संरक्षण-संवर्धन की अहम जिम्मेदारी है। इसे देखते हुए वन पंचायतों की ओर से उन्हें प्रतिवर्ष बजट मुहैया कराने की मांग की जाती रही है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
इस परिदृश्य के बीच 750 वन पंचायतों के लिए जायका परियोजना एक बड़ा संबल बनकर उभरी है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार जायका परियोजना के तहत इन वन पंचायतों में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों के उपचार, वनों के संरक्षण-संवद्र्धन के साथ ही पंचायतों में रोजगारपरक कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। इनमें चार चरणों में कार्य कराये जाने हैं। टिहरी जिले की पांच वन पंचायतों में तो कार्य प्रारंभ भी करा दिया गया है। डॉ.रावत ने कहा कि जायका परियोजना से यह वन पंचायतें सशक्त भी होंगी। उन्होंने कहा कि अन्य वन पंचायतों के लिए भी बाह्य सहायतित योजनाओं के तहत बजट की व्यवस्था कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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